#1EK Bird is freed.. believe it or not
दुनिया के नंबर-#1EK अमीर आदमी एलन मस्क की #1EK दिन की औसतन कमाई करीब तीन हजार करोड़ रुपये के आसपास है। आश्चर्यचकित न हों... यह सच है। अब वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर की चिड़िया को अपने काबू में कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने ट्वीट किया था कि the bird is freed... लेकिन आनन-फानन में ट्विटर के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पराग अग्रवाल तथा कानूनी मामलों की शीर्ष अधिकारी विजया गड्डे को पद से हटाकर उन्होंने अपने आलोचक भी पैदा कर लिए हैं।
उन्होंने अपने #1EK ट्वीट में 'खुलकर जियो' का संदेश दिया है लेकिन यह आने वाला वक्त बताए कि चिडि़या कितनी चहक पाती है... या फिर पिजड़े में कैद होकर रह जाती है...! उनके दोनों ट्वीट्स के सबके अपने-अपने नजरिए हैं। कोई मान रहा है कि चिडि़या आजाद रहेगी और सबको समान मौके मिलेंगे और कोई इसकी आलोचना कर रहा है। दुनिया के सर्वाधिक धनी व्यक्ति मस्क ने करीब 44 अरब अमेरिकी डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण किया है। इस पर उनका कहना है कि उन्होंने यह डील मानवता के लिए की है जिससे वह सबसे ज्यादा प्यार करते हैं।
अब सवाल उठता है कि घाटे में चल रहे ट्विटर को खरीदने के पीछे मस्क का प्लान है? करीब 33 करोड़ यूजर्स वाला ट्विटर चीन, ईरान और रूस आदि देशों में बैन है लेकिन फिर भी ताकतवर है। एक समय था, जिसके पास जमीन होती थी... वह अमीर कहलाता था... फिर समय आया ताकत का और अब समय है डाटा का...। #1EK बड़े सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर आधिपत्य हासिल कर शायद मस्क ने यह ताकत हासिल करने की जुगत भिड़ाई है। मुझे मस्क की योजना इसी ताकत पर नियंत्रण की लगती है।
सोशल मीडिया आज ऐसी ताकत बन चुका है, जिससे किसी भी देश की राजनीतिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। फालोवर बढ़ाने के लिए पोस्ट बूस्ट करने के रुपये लगते हैं और जिसके पास यह नहीं है तो उसके फालोवर नहीं बढ़ते। यह बात और है कि कई लोग किस्मत के बलबूत फालोवर बढ़ाने में कामयाब हो जाते हैं। इसी प्रकार इन प्लेटफार्मों पर इतनी फालतू की सामग्री और उसे साझा करने वाले मौजूद हैं कि कई बार ऐसा लगता है कि इससे खराब जगह नहीं हो सकती। क्या यह पैसे ही ताकत का दुरुपयोग नहीं है?
चुनावों के दौरान ट्विटर बेहद प्रभावी प्लेटफॉर्म बन जाता है। अब चूंकि मस्क की संपत्ति में करोड़ों यूजर्स का डाटा भी शामिल हो गया है, तो वह सही मायने में और अमीर हो गए हैं। ट्विटर के सबसे पुराने कर्मचारियों में से एक पराग अग्रवाल को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाकर उन्होंने ताकत का प्रदर्शन ही किया लगता है। हालांकि यह भी सच है कि ट्विटर कई आम लोगों का खाता गाहे-बगाहे सेवा शर्तों का हवाला देकर बंद देता था और उसी प्लेटफार्म पर तमाम गैरजरूरी और गलत और पोर्न कंटेंटे चलते रहे और चल रहे हैं।
Dr. Shyam Preeti
@DrShyamPreeti
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