चर्चा का बाजार गर्म हो गया.... हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ लिखा तो...
चर्चा का बाजार गर्म हो गया.... हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ लिखा तो...
हर वर्ष की भांति पुनः 14 सितंबर अर्थात हिंदी दिवस का अवतरण दिवस आ ही गया... और जगह-जगह हिंदी की बेहतरी के लिए जुबानी चर्चाएं की जाएगी। इसके बाद विश्व हिंदी दिवस बोले तो 10 जनवरी तक सब शांत हो जाएंगे। इस दिन फिर हिंदी के समर्थन में आयोजन होंगे और यह क्रम आगे भी चलता रहेगा। लेकिन... जरा ठहरें... अबकी 14 सितंबर का हिंदी दिवस कुछ खास है... और यदि हम चाहें तो इसे ज्वलंत भी बना सकते हैं...।
कौतूहल बोले तो सस्पेंस खत्म करते हुए अपनी बात कहता हूं कि भारत सरकार ने जी-20 बैठक के दौरान ‘इंडिया’ की जगह लिखा हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ क्या लिखा... चर्चा का बाजार गर्म हो गया। मेरा तो हिंदी दिवस उसी दिन से शुरू हो गया जब इंडिया दैट इज ‘भारत’ हिंदी न्यूज चैनलों में चर्चा पा रहा था। मुझे किसी भी भाषा से परहेज नहीं है लेकिन हिंदी का बढ़ता फलक दिल को सुकून जरूर देता है। उसकी आकाशगंगा का विस्तार हो रहा है... यह हम हिंदुस्तानियों के लिए गर्व का विषय होना चाहिए।
हमारे यहां पर शब्दों को ब्रह्म कहा गया है और ब्रह्म तो #1EK है... और हमारे पास जीवन भी #1EK ही है। हम अकेले हैं तो #1EK हैं... प्रेम में बढ़कर दो जन भी #1EK हो जाते हैं और कई भी मिल जाएं तो अनेक होकर भी #1EK ही बनते हैं। यही हमारी हिंदी की खूबी है। मेरी सोच... को यदि समर्थन मिलता है तो शायद और बेहतर काम कर सकूंगा। हमारी नजर, निगाहों या विजन से हिंदी को देखेंगे तो... हिंदी बोले तो #1EKBharat (एकभारत) है...! और भारत का यही सबसे बड़ा विचार भी है।
आज भारत सरकार ने इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल कर आम भारतीयों का दिल जीत लिया है। यह सच है कि भारत विविधता भरा मुल्क है... हिंदी भी जगह के हिसाब से अपने रूप बदल लेती है लेकिन हिंदी हम सबको जोड़ती है और हम हिंदी की वजह से हम आपस मेें सहोदर हैं, इससे कोई इनकार नहीं करेगा। अपने पिछले साल लिखे ब्लॉग में मैंने लिखा था- आम आदमी बोले तो जिसे पढ़े-लिखे लोग कॉमन मैन कहते हैं..। #1EK आम आदमी या कॉमन मैन की कद्र कोई नहीं करता जबकि यही सच है कि वही आम आदमी या कॉमन मैन के बलबूते हर सेलिब्रिटी या कोई ब्रांड सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है। हमारे सांस्कृतिक स्वरूप की चर्चा करें तो हम प्रत्येक शुभ कार्य के लिए प्रफुल्लित रहते हैं। बात शगुन की हो तो #1EK बोले तो #एक का क्या महत्व है, यह सभी जानते हैं परंतु आज के दौर में एक रुपए की या एक कॉमन मैन की वैल्यू क्या है, यह कहीं पर भी देखा जा सकता है। अब मुद्दे की बात.... जब कॉमन मैन... एकजुट होता है तो #1EK अनेक हो जाता है और साथ मिलकर भी #1EK बन जाता है और यह ताकत किसी को भी धराशायी कर सकती है।
आप कहेंगे कि #1EK लिख रहे हैं... इसे 1एक भी तो लिख सकते हैं... यह भाषा की लड़ाई नहीं है मित्र। #1EK और एक दोनों #1EK ही हैं। हिंदी के विकास के लिए भाषा का विकास करना होगा और यह अंग्रेजी से सीखा जा सकता है। कोई बड़ा हो या छोटा, अच्छी बात सीखने से बेहतर और क्या हो सकता है। गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी मेें 900 से ज्यादा हिंदी के शब्दों को शामिल किया जा चुका है और हम हिंदी में दूसरी भाषाओं के शब्दों को शामिल करने की जगह उसकी शुद्धता बात करते समय व्यंग्य करने लगते हैं। इसे गजब कह सकते हैं लेकिन सच यही है कि आज हिंदी विश्व में नंबर #1EK की भाषा बन चुकी है। और डिजिटल की दुनिया की बात करें तो अंग्रेजी से हिंदी की रफ्तार पांच गुना तेज है। ये खबरें पुरानी हैं.... लेकिन चर्चा करना आज भी बनता है।
दरअसल, हमें नंबर #1EK नहीं बनना है... हमेंं #1EK बनना है क्योंकि हिंदी है तो हम हैं और हम एकजुट रहेंगे तो #1EK रहेंगे और #1EK का अर्थ असीमित है और नंबर #1EK की सीमाएं निश्चित और जो सीमाओं में बंधा... वह सिमट जाता है और हमारी हिंदी तो... जो मैंने पहले कहा कि यह तो आकाशगंगा की तरह फैल रही है। आपका क्या विचार है... जरूर लिखें...
Dr. Shyam Preeti
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