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Showing posts from January, 2023

नाम में क्या रखा है.... नाम में ही सब कुछ रखा है... #1EK बात जान लें.....

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#1EK बच्चों का गीत है.... हिंद देश के निवासी सभी जन #1EK हैं.... रूंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं...! आपने भी इसे पहले भी सुना होगा... और अब आज की बात... सोशल मीडिया में #1EK खबर जबरदस्त चर्चा में है कि यूएई ने अपने #1EK शहर का नाम ‘हिंद सिटी’ कर दिया है...! यह जानकारी मिलने के बाद बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है...। यहां पर सबसे मजेदार तथ्य यह है कि यह नाम का चक्कर सच में काफी मजेदार है। शेक्सपियर लिखते हैं नाम में क्या रखा है और इस लाइन के नीचे अपना नाम लिखते हैं... #1EK दूसरा वाक्य है कि नाम में ही सब कुछ रखा है। इन दो वाक्यों के बीच ही हमारे जीवन का चक्कर चलता है। #1EK शब्द के इस्तेमाल के अर्थ अलग-अलग हो जाते हैं। जैसे- कल... #1EK बीता हुआ समय कहलाता है और दूसरा आने वाला...! कल का #1EK दूसरा अर्थ यंत्र भी होता है....! यही कलयुग का प्रभाव है कि हम अर्थों को अपने दिमाग के अनुसार समझते हैं और दूसरों को समझाने का प्रयास करने लगते हैं। इसी प्रकार आज के तमाम खुद को बुद्धिजीवी मानने वाले लोग शब्दों के मायने अपने छोटे से दिमाग के अनुसार निकाल लेते हैं और उस संकीर्ण नजरिये को दूसरों पर थोपने की

हां, मैं हिन्दू हूं, हां, मैं सनातनी हूं!

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हां, मैं हिन्दू हूं, हां, मैं सनातनी हूं! © डॉ. श्याम प्रीति कोई किताब के लिए किसी के कत्ल पर आमादा है कोई अपनी तादाद बढ़ाने के लिए दिखाता फायदा है! हम पहले भी सरल थे, वैसे आज भी सरल है क्योंकि हमारा रुझान #1EK पत्थर पर बहुत ही ज्यादा है। हां, मैं हिन्दू हूं! हां, मैं हिन्दू हूं, हां, मैं सनातनी हूं! जिंदगी की उलझनों को मैं प्रभु पर छोड़ देता हूं। हमारा कर्म हाथों में है, उससे नाता जोड़ लेता हूं। मौत कब आएगी, उसकी प्रतीक्षा मैं क्यों करूं ऐसे हर #1EK खौफ का द्वार मैं स्वयं तोड़ देता हूं। हां, मैं हिन्दू हूं! हां, मैं हिन्दू हूं, हां, मैं सनातनी हूं! हे धर्म के ठेकेदारों, सनातन है नींव, बाकी पंथ चारों ओर है। धरती के हरेक कण में, ईश्वर को हमने माना, वह चहुंओर है। हमारे लिए #1EK हो या शून्य, सभी गणितीय अंक पूज्य हैं। पर चमत्कार को नमस्कार कर रहे हैं सभी, आज यही दौर है। हां, मैं हिन्दू हूं! हां, मैं हिन्दू हूं, हां, मैं सनातनी हूं! स्वयं से भी जो अनजान हैं, वे ही वैमनस्य को बढ़ा रहे है। मनोविकार पीड़ित हैं ये सभी, सामाजिक प्रेम गंवा रहे हैं। सभी सनातनी मिलकर संघे शक्ति सर्वदा का कर उ

क्रिप्टोकरेंसी....बिटक्वाइन का ‘#1EK डॉन’ .... बोले तो सतोशी नाकामोतो

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सूचना क्रांति ने #1EK कृत्रिम बोले तो आभासी दुनिया बना दी है। यह ऐसा जहां है... जहां पर वास्तविक कुछ नहीं है लेकिन महसूस सब कुछ किया जा रहा है। फंतासी की दुनिया बोले तो कभी हम कल्पना में जीते थे लेकिन अब यह वास्तविक प्रतीत होती है...! नतीजा... सामाजिक और आपसी संबंध भी अस्थायी और बनावटी जैसे लगने लगे हैं। बस #1EK कि्लक... और आप इस दुनिया के सिकंदर बन जाते हैं... सब कुछ आसान लगता है पर हम काफी आगे निकल चुके हैं। इस रहस्यमय दुनिया में ‘संतोष’ नामक जीव नहीं मिलता और सबसे मजेदार इत्तफाक यह भी है कि इसी नाम से मिलता-जुलता #1EK कथित शख्स बिटक्वाइन नामक कृत्रिम मुद्रा का निर्माणकर्ता भी है...! बिटक्वाइन... नाम सबको लुभाता जरूर है पर इसे समझने के लिए पहले क्रिप्टोकरेंसी को समझना होगा...! इसमें क्रिप्टो ग्रीक भाषा का #1EK शब्द है जिसका अर्थ है सीक्रेट अर्थात गुप्त और करेंसी बोले तो मुद्रा। अब आप समझ गए होंगे कि वह गुप्त मुद्रा जिसके बारे में किसी को पता न चले। ठीक समझे आप... बिटक्वाइन वहीं गुप्त मुद्रा यानी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी है जो केवल #1EK तकनीक का कमाल है लेकिन भौतिक तौर पर उपल

#1EK ध्येय ः उठो और जागो और तब तक रुको नहीं...

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देश में विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है और इस मौके पर उनके विचारों को याद करना प्रासंगिक है। वह कहते हैं- उठो और जागो और तब तक रुको नहीं...जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते...। जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी। #1EK समय में #1EK काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ...! लेकिन #1EK बात हमें नहीं भूलनी चाहिए कि उन्होंने विश्वस्तर पर भारत को जो पहचान दी थी, वह उल्लेखनीय है। शिकागो के धर्म सम्मेलन में दिए गए उनके भाषणों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। अब आज के परिदृश्य की बात करते हैं... हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए विश्व स्तर पर भारत को स्थापित करने में जुटे हुए हैं। और सबसे बड़ा इत्तफाक... दोनों के नाम भी नरेंद्र... है। जी हां... विवेकानंद के बचपन का नाम भी नरेंद्र था... पूरा नाम- नरेंद्र नाथ दत्त... बाद में उन्हें विवेकानंद नाम मिला। कई लोगों का मानना है कि यह नाम उन्हें उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया, लेकिन यह सत्य नहीं है। असल में नरे

#1EK हिंदी ......और दो दिवस....

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नंबर-1 भाषा अंग्रेजी है... और नंबर-दो मंदारिन बोले तो चीन की भाषा लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी कहां पर है? नहीं तो हम आपको बताते हैं कि आज विश्व में हिंदी तीसरे नंबर पर पहुंच चुकी है। इस आंकड़े पर हम इतरा सकते हैं क्योंकि हिंदी हमारी भाषा होते हुए भी हमारे देश भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है लेकिन इसके बावजूद इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। #1EK हिंदी है लेकिन उसे याद करने के लिए दो दिवस मनाए जाते हैं। पहला 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और दूसरा 14 सितंबर को हिंदी दिवस। यह हैरान होने वाली बात नहीं है... यह गर्व का विषय है। गौरतलब है कि संविधान सभा ने 14 सितंबर को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था, तभी से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1949 को भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया, जो ब्रिटिश भारत में उर्दू के पिछले उपयोग की जगह ले रही थी। इसी प्रकार प्रथम विश्व हिंदी सम्मलेन 10 जनवरी 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय स्तर का था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए

कौन है नंबर-1EK.... मोदी या राहुल.... जनता करे फैसला

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भारत की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी... और सबसे पुराना राजनीतिक दल बोले तो कांग्रेस...! आज के राजनीतिक हालातों पर गौर करें तो #1EK पार्टी अपने ब्रांड नेता नरेंद्र मोदी के पीछे खड़ी नजर आती है और दूसरी कांग्रेस... पूरी पार्टी #1EK राहुल गांधी के पीछे खड़ी नजर आती है। भारत जोड़ो यात्रा अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है और सोशल मीडिया में राहुल की लोकप्रियता बढ़ रही है या बढ़ाने के लिए कांग्रेस कवायद कर रही है... इस पर चर्चा करने का सीधा मतलब निष्पक्षता से भागना है...! खैर, मुद्दे की बात यह है कि राहुल की दाढ़ी बढ़ने के साथ यात्रा आगे बढ़ रही है। वह एक सफेद रंग की टीशर्ट में लोकप्रियता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं। पानीपत में अपार जनसमूह दिखने के बाद कहा जा रहा है कि ‘पप्पू पास हो गया...’ और राजनीतिक विरोधी फरमाते नजर आए... ‘पप्पू पानीपत से पास हो गया...!’ ये जुमले... राजनीति पर चर्चा की गंभीरता को कम करते हैं लेकिन यदि परिदृश्य का सिंहावलोकन किया जाए तो राहुल नरेंद्र मोदी को कापी करते नजर आ रहे हैं। जैसे- पहले मोदी का दाढ़ी वाला लुक आया और अब राहुल भी उसी अनुरूप वेश धरे नजर आ रहे हैं। भारत ज

ब्रांड, ब्रांडिंग और ब्रांड एंबेसडर.... #1EK नाम... जो कभी नहीं मरता...!

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कहा जाता है कि जिसका जन्म हुआ है... उसकी मृत्यु निश्चित है...! लेकिन जब भी किसी का जन्म होता है तो उसका #1EK नाम जरूर रखा जाता है... और मृत्यु होने के बावजूद वह जिंदा रहता है...! यही #1EK नाम ही ब्रांड (Brand) है। मशहूर अंग्रेजी लेखक शेक्सपियर ने लिखा था, ‘नाम में क्या रखा है...’ और इस लाइन के नीचे उनका नाम लिखा दिखता है... इससे साफ हो जाता है कि ‘नाम मेें ही सब कुछ रखा है...।’ इन दोनों बातों के बीच ही हम सभी जिंदगी जी रहे हैं...! हम सभी के पास जीवनएक #ZEE1Ek है... यह बात साफ है और यदि #1EK नाम में कुछ नहीं रखा होता तो इसे रखा ही क्यों जाता? एक व्यकि्त के कई नाम भी होते हैं लेकिन उसे जिस नाम से ज्यादा पुकारा जाता है, वही #1EK सर्वाधिक प्रसिद्ध होता है... और यही किसी उत्पाद के साथ भी होता है... यही है ब्रांड की ताकत। #1EK ब्रांड (Brand) ऐसे नाम, डिजाइन अथवा किसी ऐसे विशेष लक्षण को कहा जाता है जो कि किसी को दूसरे से अलग करता हो, वह उत्पाद हो अथवा कोई नाम...! हर #1EK ब्रांड (Brand) का प्रयोग व्यापार, विपणन अथवा प्रचार के लिए किया जाता है। इसी प्रकार ब्रांडिंग (Branding) #1EK ब्रांड के