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Showing posts from September, 2023

कॉरपोरेट जगत में भी #1EK स्वामीनाथन की है जरूरत

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कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन... बोले तो भारत की हरित क्रांति के जनक; इस दुनिया से रुखस्त भले हो गए हों लेकिन उनके किए गए काम से चमक रहा उनका नाम सदैव के लिए अमर हो चुका है। भारत की जनसंख्या आज विश्व में सर्वाधिक मानी जा रही है लेकिन देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है, तो इसका श्रेय डॉ. स्वामीनाथन, अमेरिका के महान कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग और उनके साथी कृषि वैज्ञानिकों को दिया जाता है। डॉ. स्वामीनाथन और बोरलॉग के नेतृत्व में हुए अनुसंधानों के चलते बीमारियों से लड़ सकने वाली गेहूं तथा बाजरा के नए उन्नतशील किस्म के बीज विकसित किए गए थे। गौरतलब है कि दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र, पूसा में यह अनुसंधान किया गया था। यहां पर उल्लेखनीय है कि ये वैज्ञानिक अपने गहन शोध के दौरान इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि यदि पौधे की लंबाई कम कर दी जाए, तो इससे बची हुई ऊर्जा उसके बीजों में लग सकेगी। इससे कुल फसल की पैदावार बढ़ेगी। इनकी सोच रंग लाई और एक हेक्टेयर में दोगुना गेहूं की पैदावार संभव हो गई। पहले जहां करीब 20 क्विंटल गेहूं की फसल किसान ले पाता था, अब यह पैदावार करीब 40 कि्व...

_कब सुनेंगे दिल की... बढ़ रहा हृदयघात का खतरा ... आइये सुनते हैं हम दिल की

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तारीख 29 सितंबर.... बोले तो विश्व हृदय दिवस (वर्ल्ड हार्ट डे)... यह खास दिन हमें हृदय स्वास्थ्य के महत्व को याद दिलाने का मौका देता है। पूरी दुनिया में डॉक्टर समझाते हैं कि हृदयघात का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए दिल की सुनना शुरू करें... दिल ने यदि सुनना बंद कर दिया तो... आप फिर कभी सुन नहीं पाएंगे। हाल के दिनों में तमाम शख्सियतें हृदय रोग की वजह से अचानक दुनिया से रुखस्त हो गईं। अचानक खबर आई और लोग सकते में पहुंच गए। अरे, यह क्या हो गया। इतनी जल्दी वह दुनिया से चला गया। जी हां, हृदय रोग ऐसा ही है। यह किसी को भी मौका नहीं देता। अचानक हृदय रुक जाता है और जीवन खत्म। 29 सितंबर बहुत खास दिन है, जब हमसे हृदय की समस्याओं को सुनने के लिए आग्रह किया जाता है। गौरतलब है कि दुनिया में पहली बार विश्व हृदय दिवस 24 सितंबर 2000 को मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बार्ड डी लूना को इसे मनाने का विचार आया। इस पर उन्होंने #1EK रिपोर्ट पेश की, जिसे अपना लिया गया और वर्ष 2000 में हृदय दिवस मनाया गया। विश्व हृदय दिवस मूल रूप से (2011 तक) सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था, लेकि...

चर्चा का बाजार गर्म हो गया.... हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ लिखा तो...

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चर्चा का बाजार गर्म हो गया.... हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ लिखा तो... हर वर्ष की भांति पुनः 14 सितंबर अर्थात हिंदी दिवस का अवतरण दिवस आ ही गया... और जगह-जगह हिंदी की बेहतरी के लिए जुबानी चर्चाएं की जाएगी। इसके बाद विश्व हिंदी दिवस बोले तो 10 जनवरी तक सब शांत हो जाएंगे। इस दिन फिर हिंदी के समर्थन में आयोजन होंगे और यह क्रम आगे भी चलता रहेगा। लेकिन... जरा ठहरें... अबकी 14 सितंबर का हिंदी दिवस कुछ खास है... और यदि हम चाहें तो इसे ज्वलंत भी बना सकते हैं...। कौतूहल बोले तो सस्पेंस खत्म करते हुए अपनी बात कहता हूं कि भारत सरकार ने जी-20 बैठक के दौरान ‘इंडिया’ की जगह लिखा हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ क्या लिखा... चर्चा का बाजार गर्म हो गया। मेरा तो हिंदी दिवस उसी दिन से शुरू हो गया जब इंडिया दैट इज ‘भारत’ हिंदी न्यूज चैनलों में चर्चा पा रहा था। मुझे किसी भी भाषा से परहेज नहीं है लेकिन हिंदी का बढ़ता फलक दिल को सुकून जरूर देता है। उसकी आकाशगंगा का विस्तार हो रहा है... यह हम हिंदुस्तानियों के लिए गर्व का विषय होना चाहिए। हमारे यहां पर शब्दों को ब्रह्म कहा गया है और ब्रह्म तो #1EK है... ...