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Showing posts from July, 2023

सहारा इंडिया.... #1EK ऐसा नाम... फिर चर्चा में

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सहारा इंडिया.... #1EK ऐसा नाम जो कभी आम जनमानस के दिलोदिमाग पर छाया था... वजह थी ज्यादा मुनाफे का चस्का...! उसकी स्कीमों में लोगों ने जमकर पैसा लगाया लेकिन जब उन्हें रुपयों की जरूरत पड़ी तब ये धन बाजार की अंधी दौड़ में गुम हो गया था। किसी की बेटी की शादी फंस गई तो कोई बीमारी से बचने के लिए धन का जुगाड़ न कर पाने में अवसाद का शिकार हो गया। कम समय में ज्यादा मुनाफे के लिए लोगों ने जिन सहारा एजेंट्स की मदद से सहारा इंडिया की निवेश योजनाओं में पैसा लगाया, वे भी लापता हो गए। करोड़ों निवेशकों की गाढ़ी कमाई #1EK चक्रव्यूह में फंस गई, जिसका कोई पुरसाहाल नहीं था। .... लेकिन कहते हैं कि समय हर घाव की दवा है... इन निवेशकों के लिए अब सुप्रीम कोर्ट और सरकार 'सहारा' बनकर सामने आए हैं। जिन लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई सहारा की निवेश पॉलिसी में लगाकर उसे वापस पाने की उम्मीद खो दी थी, उनके लिए #1EK बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने 18 जुलाई को CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल की मदद से सहारा ग्रुप ऑफ कॉपरेटिव सोसाइटीज के जमाकर्ता और सदस्यों की शिकायतों का निपटारा हो सकेगा। इसके साथ जिन ...

I.N.D.I.A गठबंधन यदि 2024 का चुनाव हार गया तो.. नाम की फजीहत नहीं होगी?

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भारत, हिंदुस्तान और इंडिया (India)... ये तीनों नाम हैं मेरे... लेकिन विवाद बढ़ाना चाहें तो आ बैल मुझे मार...! सर्वे के आंकड़े बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता विश्व परिदृश्य में इस समय चरम पर है और उनके रथ को रोक पाने में विपक्षी दलों के योद्धाओं के पसीने छूट रहे हैं। नतीजा... चुनाव-2024 के लिए चक्रव्यूह रचने का प्लॉन बनाया जा रहा है। कैसे मोदी को हराया जाए... #1EK सवाल है और जवाब में 26 दल...! नाम रखा गया है I.N.D.IA.. लेकिन सबसे बड़ा तनाव उनके सामने यह भी है कि मोदी कहते हैं कि उनका सीना 56 इंच का है और विपक्षी दलों की संख्या महीना भर बोले तो 30 कम है...! दोस्तो, इंडिया शब्द का कोई आधिकारिक फुल फॉर्म नहीं होता... बलि्क यह पूरा माना जाता है। जहां तक जबरदस्ती ज्ञान की बात है तो बुद्धजीवियों की जमात और दस्तावेजों में हमारे देश को “The Republic of India” कहा जाता है। इसी का संक्षिप्त रूप इंडिया है...। इसे समय का फेर कहें या जुगाड़ की राजनीति.... चुनाव में जीत की लालसा ने देश के नाम को ही अपना हथियार बनाने का निर्णय लिया गया है...! अब व्यंग्य की भाषा को छोड़कर अब हम भी थोड़ा राज...

#1EK नाम जो दिमाग में घुस जाए... वही होता है ब्रांड...!

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विज्ञापन बोले तो जानकारी कराना.....और ब्रांड... वह है जो #1EK पहचान बनाता है... वह कोई भी विशेष हो सकता है... लेकिन मेरे शब्दों में #1EK नाम जो दिमाग में घुस जाए... वही होता है स्टार बोले तो ब्रांड...! किसी भी उत्पाद या नाम को चमकाने की कला ही ब्रांडिंग कहलाती है। मेरा स्पष्ट मानना है कि दुनिया में सबकी चाहत... आसमान में चमके अपना #1EK नाम...! इसी चाहत की उम्मीद में हर कोई अपनी ब्रांडिंग में जीवन भर जुटा रहता है लेकिन सफलता उसी को मिलती है जो लगातार....कुछ बेहतर और बेहतर करने का माद्दा रखता है। आज के दौर में विज्ञापनों के महारथियों की बात करें तो 'सबसे रचनात्मक दिमाग' के तौर पर जो नाम सर्वाधिक चर्चा में हैं... उनमें प्रह्लाद कक्कड़, प्रसून जोशी, आर. बाल्की, पीयूष पांडे और जोसी पॉल आदि के नाम हैं। प्रह्लाद कक्कड़ के कुछ खास स्लोगन.. ये ही है राइट चॉइस (पेप्सी). एवरेस्ट का तीखा लाल, मैगी पिचकू, आई लव यू रसना आदि। प्रसून जोशी एनडीटीवी इंडिया (सच दिखते हैं हम), सफोला (अभी तो मैं जवान हूं), एलजी, मैरिको, परफेटी (अल्पेनलीबे, क्लोरमिंट) और आमिर खान के साथ ठंडा मतलब कोका-कोला आदि हैं...

#1EK आदमी का #सवाल : क्या पेशाब पीना जरूरी है?

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ईश्वर ने हमें मानव बनाया और हममें से तमाम ऐसे लोग हैं जो मानवता ही भूल चुके हैं। हिंदू धर्म की सबसे खास बात कि कर्म को प्रधान माना जाता है लेकिन समय ने जाति को प्रधान बना दिया। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में बहुत पहले लिखा था –नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं, प्रभुता पाई जाहि मद नाहीं अर्थात संसार में ऐसा कोई नहीं है जिसको प्रभुता पाकर घमंड न हुआ हो...! यह सच हर कहीं दिखता है। बात समाज की हो या घर की... ऑफिस हो या राजनीति की या कोई भी क्षेत्र...! जब ताकत आती है, वह किसी भी प्रकार की हो.. तो घमंड आना स्वाभाविक बन जाता है और ऐसे में कई बार ताकतवर बना वह शख्स वह काम कर डालता है, जो सामाजिक, मानवीय दृष्टिकोण से अमानवीय होता है लेकिन ऐसा हर जगह होता दिखता है। अभी सबसे ज्यादा चर्चित मामला सीधी पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी दशमत रावत से जुड़ा है। कुछ समय #1EK वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला सीढ़ियों पर बैठे #1EK आदिवासी युवक पर पेशाब करता दिख रहा था। इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई और डैमेज कंट्रोल करने के लिए मामा शिवराज सिंह ने क...

चंद्रयान #1EK से अब चंद्रयान-3 तक का रोमांचक सफर

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सफलता और फिर असफलता... के बाद #1EK फिर जीतने के लिए खिलाड़ी तैयार है.. आप कुछ समझो... चंद्रयान-#1EK अभियान की सफलता से भारत की अंतरिक्ष में धाक जम गई थी। चांद पर पानी के संकेत मिलना... बड़ी उपलब्धि थी। इसके बाद अंतिम क्षणों में चंद्रयान-2 अभियान विफल हो गया था। उसका लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था। इस असफलता के बाद अब चंद्रयान-3 की तैयारी है। अबकी पूरी उम्मीद है कि पिछला अधूरा मिशन इस बार जरूर पूरा होगा! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की तैयारी अंतिम चरणों में हैं। तारीख तय की गई है 14 जुलाई... यह बदल भी सकती है... इसलिए यदि बदलाव हो तो आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि जीवनएक इत्तफाक है! लेकिन यहां मुद्दा तारीख नहीं इतिहास रचने की बात का है। इससे पहले इसरो ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 छोड़ा था और इस तारीख से पहले 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 छोड़ा गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 को चंद्रयान-2 के अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए भेजा जा रहा है। इसमें...