_कब सुनेंगे दिल की... बढ़ रहा हृदयघात का खतरा ... आइये सुनते हैं हम दिल की

तारीख 29 सितंबर.... बोले तो विश्व हृदय दिवस (वर्ल्ड हार्ट डे)... यह खास दिन हमें हृदय स्वास्थ्य के महत्व को याद दिलाने का मौका देता है। पूरी दुनिया में डॉक्टर समझाते हैं कि हृदयघात का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए दिल की सुनना शुरू करें... दिल ने यदि सुनना बंद कर दिया तो... आप फिर कभी सुन नहीं पाएंगे। हाल के दिनों में तमाम शख्सियतें हृदय रोग की वजह से अचानक दुनिया से रुखस्त हो गईं। अचानक खबर आई और लोग सकते में पहुंच गए। अरे, यह क्या हो गया। इतनी जल्दी वह दुनिया से चला गया। जी हां, हृदय रोग ऐसा ही है। यह किसी को भी मौका नहीं देता। अचानक हृदय रुक जाता है और जीवन खत्म।
29 सितंबर बहुत खास दिन है, जब हमसे हृदय की समस्याओं को सुनने के लिए आग्रह किया जाता है। गौरतलब है कि दुनिया में पहली बार विश्व हृदय दिवस 24 सितंबर 2000 को मनाया गया था। विश्व स्वास्थ्य महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बार्ड डी लूना को इसे मनाने का विचार आया। इस पर उन्होंने #1EK रिपोर्ट पेश की, जिसे अपना लिया गया और वर्ष 2000 में हृदय दिवस मनाया गया। विश्व हृदय दिवस मूल रूप से (2011 तक) सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था, लेकिन बाद में 2012 से 2025 तक 25 फीसदी वैश्विक मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाने का फैसला लिया गया। डॉक्टरों की भाषा में समझे तो हृदय रोगों में स्ट्रोक, जन्मजात हृदय दोष, कार्डियक अरेस्ट, पेरिकार्डियल बहाव, रुमेटिक हृदय रोग, कोरोनरी धमनी रोग, एनजाइना आदि शामिल है। ऐसे में इन बीमारियों से दूर रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की जरूरत पड़ती है। यह आसान नहीं है लेकिन मुशि्कल भी नहीं है। हमें थोड़ा समय चुराना पड़ता है। जैसे हम मोबाइल के लिए समय चुराते हैं, तो हृदय के लिए भी समय बचा सकते हैं। हृदय की सेहत को समर्पित 29 सितंबर का खास दिन सबको सचेत करता है कि दिल की सुनें। हर वर्ष की तरह इस साल की खास थीम है- यूज हार्ट, नो हार्ट अर्थात हृदय का उपयोग करें और हृदय को जानें। हृदय को स्वस्थ रखना है तो गलत खानपान को सुधारे। जितना संभव हो सके, जीवनशैली को नियमित करें।
ये हैं कारण कम उम्र में धूम्रपान की आदत। बढ़ा हुआ बाडी फेट। शराब की लत। मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना। खान-पान पर ध्यान न देना। ज्यादा फालतू का तनाव लेना। फास्टफूड का सेवन ज्यादा करना। बचाव के लिए पौष्टिक आहार के साथ स्वस्थ दिनचर्या पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हृदय रोग के लक्षण दिखने पर डाक्टरी सलाह लें। लापरवाही न बरतें। नियमित रूप से योग और व्यायाम करें। इससे दिमाग भी शांत रहता है। सबसे जरूरी है जागरूकता। आप जागरूक रहेंगे तो खतरा टल सकता है। धूम्रपान और तम्बाकू उत्पादों के सेवन से परहेज करें। समय-समय पर अपना मेडिकल चेकअप करवाना न भूलें। खाने में नमक की मात्रा कम करें। Dr. Shyam Preeti

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