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Showing posts from November, 2022

राम नाम सत्य है... का #1EK नया स्टार्टअप...!

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दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला चल रहा है और यहां पर #1EK नया स्टार्टअप बहुत चर्चा में है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। यहां पर राम नाम सत्य है... का प्रचार चल रहा है...! गुस्ताखी माफ! इस तथ्य से मेरा आशय महज अंतिम संस्कार के संबंध में चर्चा से है। दरअसल, इस स्टॉल पर वे सभी वस्तुएं उपलब्ध हैं, जो किसी इंसान की मौत के बाद काम आती हैं। चकित मत हों... आपने कभी ऐसी सामग्री स्टॉल पर बिकती नहीं देखी होगी। लेकिन साहब जीवनएकइत्तफाक है, जो जरा इंतजार कीजिए... हो सकता है कि कंपनी की #1EK शाखा आपके आसपास कहीं खुली नजर आ जाए। इस अजीबोगरीब स्टॉल को लगाने वाली कंपनी का नाम है- सुखांत फ्यूनेरल एमजीएमटी प्रा. लि. और स्टॉल पर सजी-सर्जा अर्थी रखी दिखाई देती है। इसमें गुलाब के फूल की लेयर नजर आती है। कभी मैंने लिखा था- जीवन का अंतिम सत्य चार ड्राइवर एक सवारी... उसके पीछे रिश्तेदारी... तो जनाब ... यहां ड्राइवरों का इंतजाम कंपनी की ओर से किया गया है... इसके लिए पैकेज तय है। कंपनी के कारिंदों को #1EK सवारी का इंतजार है, जो अर्थी पर अंतिम संस्कार के लिए अंतिम यात्रा पर जाएगी...

कमाल की #1EK फिल्म ‘पुष्पक’, जिसमें कमल ने किया था अभिनय

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कन्नड़ फिल्म केजीएफ हिंदी में बहुत चर्चा में आई और नतीजा केजीएफ-2 में खलनायक संजय दत्त बन गए। फिल्म ने करोड़ो कमाए लेकिन इससे पहले 80 के दशक में आई थी कामल की #1EK फिल्म ‘पुष्पक’, जिसमें कमल हसन ने अभिनय किया था। कमल हासन की यूनीक फिल्मों में #1EK पुष्पक लाजवाब है। बोलने वाली फिल्मों के दौर में मूक फिल्म... वाकई कमाल का प्रयोग था। कह सकते हैं कि इसके जैसी कोई दूसरी फिल्म भारत में नहीं बनी। इसमें कोई डायलॉग नहीं थे। इसमें कोई संवाद के स्थान पर सिर्फ एक्सप्रेशन था। इस फिल्म ने कमल हसन को मिस्टर परफेक्शनिस्ट साबित किया है। फिल्म में अमाला, और टीनू आनंद भी हैं। फिल्म बिना किसी डायलॉग के शूट हुई और इसकी स्क्रिप्ट इतनी शानदार थी कि शुरू से अंत तक ये मूवी सभी को बांध रख पाने में कामयाब रही। फिल्म में एक बेरोजगार शख्स की कहानी है, जो रोजगार ढूंढ़ने के लिए मेहनत और पढ़ाई मन से नहीं करना चाहता है मगर वो खुद को ओवरस्मार्ट समझता है। कहानी देखने के लिए फिल्म देखें तो बेहतर है। कहते हैं कि फिल्म बैचलर्स के लिए गुरुकूल है...। कहानी में है कि रुपया पैसा कितना भी आ जाए लेकिन शांति मेहनत की कमाई से ...

मुंबई का नया किंग कौन... रॉकी भाई।

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मुंबई.... #1EK सपने की नगरी.... फिल्मों की बात करें तो अंडरवर्ल्ड का राज मुंबई में चलता है और मुंबई का किंग कौन...? डायलॉग बोल कर देखिए... आपके पास का हर शख्स कोई नया नाम बोलता दिखेगा। वैसे यह वर्ष 1998 में आई फिल्म 'सत्या' का डायलॉग था और यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी। मुंबई का किंग कौन... भीखू म्हात्रे...! यह पढ़कर आपका चेहरा भी खिल गया होगा लेकिन साहब... कुर्सी को किसी की नहीं रही... सो मुबंई का किंग भी बदलता रहता है। अब नया किंग है रॉकी भाई। दर्शकों की सीटी यश के नाम पर फिल्म केजीएफ चैप्टर-2 में एक बार जो बजनी शुरू हुई.... वह इतिहास बनाने के बाद भी बंद नहीं हुई है...! इस फिल्म के रिसपांस को देखकर लगता है कि रॉकी भाई के रोल में यश का जादू आने वाले कई सालों तक गैंगस्टर किरदारों के लिए #1EK नया मानक गढ़ चुका है। बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड पर अब तक तमाम फिल्में बन चुकी हैं। इनमें मुंबई पर शायद सर्वाधिक फिल्में होंगी। इनमें डॉन और उनकी जिंदगी के बारे में काफी कुछ दिखाया गया है। फिल्म दीवार में अमिताभ का एंग्री मैन लुक... आज तक सभी को याद है। मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता ड...

ओटीटी प्लेटफॉर्म हो या चैनल... टॉप पर रहती है फिसलन

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‌रिलायंस के मशहूर उद्योगपति धीरूभाई अंबानी का स्लोगन.... ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’... आपको याद होगा... आज यह स्लोगन कहीं सुनाई भले न देता हो लेकिन सच जरूर साबित हो चुका है। जिस कंपनी के लिए इस स्लोगन को बनाया गया था... वह कंपनी भी बंद हो चुकी है लेकिन धीरूभाई का यह ‘विचार’ सुपरहिट है। स्मार्ट फोन के आगमन से इंटरनेट की दुनिया सिमट कर मुट्ठी में समा चुकी है। ज्यादातर कामकाज ऑनलाइन हो गए है... और तो और मनोरंजन के साधन भी एकांत में सिमट गए हैं। ओटीटी बोले तो ओवर-द-टॉप प्लेटफार्म ने लोगों को भरपूर मनोरंजन सामग्री उपलब्ध करवाई है और यह लगातार बढ़ती जा रही है। बढ़ती डिमांड की वजह से फ्री से होता हुआ यह कारोबार अब मंथली चार्ज तक वसूल रहा है। लोगों को मनोरंजन चाहिए तो वे खर्च भी कर रहे हैं। ये ओटीटी प्लेटफॉर्म एप को लोग आसानी से मोबाइल फोन या टेबलेट पर प्लेस्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसे स्मार्ट टीवी से कनेक्ट कर अपनी पसंद के शोज व फिल्मों का मजा ले सकते हैं। एक ओटीटी प्लेटफार्म के सीईओ का #1EK बयान कभी मैंने पढ़ा था, उसने कहा था- मैं चाहता हूं कि पब्लिक रात में सोये ही नहीं...! इससे ...

अवाम... समय और #1EK खुराफातीलाल

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अवाम... बोले तो आम लोग अर्थात जनता। शायद ही कोई होगा जो इस शब्दों से परिचित न हो। लेकिन मैं तो खुराफातीलाल हूं बोले तो #1EK व्यंग्यकार सो इस बारे में मंथन कर रहा था। अचानक दिमाग में अवाम को अलग-अलग करने का मन हुआ। अ+वाम... ठीक समझे यही गणित मैंने भी लगाई और फिर अर्थ खोजने शुरू किए। ‘अ’ को उपसर्ग माना तो इसके अर्थों की परत उधेड़ी...! जानकारी मिली- हिंदी में कुल जमा 22 उपसर्ग हैं। देवी और सज्जनों! मैं बुदि्धजीवी नहीं #1EK आम आदमी हूं। इसलिए कुछ यदि किन्हीं वजह से आपका पारा चढ़े तो कृपया ठंडा पानी पी लें क्योंकि क्रोध स्वयं को ज्यादा हानि पहुंचाता है। खैर, बात हो रही थी शब्दों और उपसर्ग की...। किसी शब्द की तरह उपसर्ग का अपना कोई अर्थ नहीं होता, लेकिन प्रत्येक उपसर्ग #1EK विशेष अर्थ के लिए प्रयुक्त किया जाता है। जैसे- 'अ' उपसर्ग का प्रयोग हम 'नहीं' के अर्थ में करते हैं, लेकिन यह भी ध्यान रखिएगा कि किसी वाक्य में 'नहीं' की जगह हम 'अ' का प्रयोग नहीं कर सकते। चलिए हम पहले उपसर्ग का मतलब समझते हैं। परिभाषा के अनुसार, उपसर्ग वे शब्दांश होते हैं, जो किसी शब्द के...