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Showing posts from August, 2022

भारत के नंबर #1EK रईस बने गौतम अदाणी... पर दुनिया में नंबर 2

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भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी की सफलता जारी है... अब वह भारत के नंबर #1EK रईस बन गए हैं और कभी नंबर #1EK रईस रहे मुकेश अंबानी साहब पीछे हो गए हैं। मैंने हमेशा कहा है कि शिखर पर फिसलन रहती है... और नंबर एक सीमित है.. और समय बदलता जरूर है। देख लीजिए समय चक्र ने रईसी में नंबर #1EK का खिताब अब अदाणी की झोली में डाल दिया है। दुनिया की बात करें तो वह तीसरे नंबर पर थे और जल्द ही दूसरे नंबर पर आ गए। विश्व के धनपतियों की सूची में यह स्थान पाने वाले वे पहले भारतीय व पहले एशियाई हैं। हालांकि ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार, अब अदाणी के आगे अमेरिका के शीर्ष उद्योगपति व टेस्ला के सीईओ एलन मस्क व अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस ही हैं। रईसी में कभी मुकेश अंबानी की तूती बोलती थी लेकिन अब समय बदल गया है। यहां पर सबसे मजेदार बात यह भी है कि उद्योगपति गौतम अदाणी भले भारत और एशिया के नंबर #1EK रुपये वाले बन गए हों लेकिन उनके समूह पर करीब ढाई लाख करोड़ रुपया का कर्ज भी है। ब्लूमबर्ग के अरबपति सूचकांक के अनुसार 60 साल के गौतम अदाणी की नेटवर्थ (कुल संपत्ति) 137.4 अरब डॉलर है। उनसे आगे अमेजन के संस्थापक व सीईओ जेफ बेज...

#1EK थी लाल इमली, एक था टि्वन टावर

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कानपुर से नोएडा की दूरी.... करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर। दो इमारत... #1EK कानपुर की लाल इमली मिल और दूसरी नोएडा का ट्विन टावर...! दोनों इमारतों में समानता कोई नहीं है लेकिन दोनों की ‘मौत’ होने जा रही है... #1EK को विस्फोट से उड़ाया जाएगा और दूसरे को बीमारू बनाकर बंद करने की तैयारी कर ली गई है। गुस्ताखी माफ... सबसे मजेदार तथ्य यह है कि लाल इमली को खत्म करने से पहले सजाया और संवारा गया है। इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि यह ‘ब्रांड’ फिर से जिंदा होने जा रहा है लेकिन हकीकत यह है कि यह नाम अब सिर्फ इतिहास में दर्ज होने वाला है। इसी प्रकार नोएडा के ट्विन टावर के साथ लोग सेल्फी ले रहे हैं... यादें में इसे रखने के लिए। 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे विस्फोट के जरिए इसे ज़मींदोज़ कर दिया जाएगा। इस टावर की ऊंचाई 100 मीटर के करीब है और इन दोनों ट्विन टावर्स को गिराने के लिए 3700 किलो विस्फोटक लगाया गया है। इसे भ्रष्टाचार का शिखर कहा जा रहा है... जिसे अदालत ने गिराने की अनुमति दे दी है। विस्फोट होगा... धड़ाम.. के बाद यह धराशायी हो जाएगा... जब तक आप इस लेख को पढ़ रहे होंगे, तब तक यह जमींदोज हो चुका होगा। ...

प्रधानमंत्री मोदी फिर नंबर #1EK... बजाओ घंटा विकास आ रहा है...!

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दुनिया भर में विकास की बातें करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के नाम का डंका जोरों से बज रहा है। #1EK सर्वे में वह फिर से 75 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ शीर्ष पर रहे हैं। यह घोषणा मॉर्निंग कंसल्ट पॉलिटिकल इंटेलिजेंस के सर्वेक्षण में की गई। इस सर्वे के मुताबिक, पीएम मोदी को 75 फीसद लोगों ने पसंद किया है। दूसरे पायदान पर मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर (63%) और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीस (58%) तीसरे नंबर पर है। सबसे मजेदार बात यह है कि दुनिया का दरोगा कहे जाने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन महज 41 प्रतिशत रेटिंग के साथ अप्रूवल रेटिंग में छठवें नंबर पर हैं। उनसे बेहतर इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी (54%) रेटिंग के साथ चौथे और ब्राजील के जायर बोलसोनारो (42%) पांचवें नंबर पर हैं। दुनिया भर के 22 विश्व नेताओं की सूची में बाइडन के बाद कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो को 39 प्रतिशत और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को 38 फीसदी रेटिंग मिली है। उल्लेखनीय है कि मोदी लगातार तीसरी बार इस सूची में अव्वल रहे हैं। इससे पहले जनवरी 2022 और नवंबर 2021 में भी वह वैश्विक...

सावन गुजरते ही दुनिया से रुख्स्त हो गए सावन कुमार टाक

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नाम : सावन कुमार टाक जन्म : 9 अगस्त, 1936, जयपुर राजस्थान मृत्यु : 25 अगस्त, 2022, मुंबई चर्चित फिल्में ः ‘हवस’, ‘सौतन की बेटी’, ‘सौतन’, ‘बेवफा से वफा’, ‘सनम बेवफा’ आदि। हिंदी सिनेमा को तमाम कालजयी फिल्में देने वाले निर्माता निर्देशक सावन कुमार टाक 25 अगस्त को दुनिया छोड़कर चले गए। फिल्मी दुनिया में वर्ष 1967 से फिल्म ‘नौनिहाल’ से शुरू हुअा उनका सफर... लगातार जारी रहा। उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं। उनकी पूर्व पत्नी उषा खन्ना ने अपनी आखिरी बातचीत के बारे में बताया। सावन कुमार ने  उन्हें घर पर बुलाकर नए कुक का खाना टेस्ट करने कहा। वह बोलीं- सावन के व्रत चल रहे हैं। बाद में आऊंगी। तब सावन कुमार ने उनसे कहा जब सावन खत्म हो जाएं तब तुम घर पर खाने का स्वाद लेने आना। सावन के गुजरने के साथ सावन कुमार दुनिया से रुख्स्त हो गए। उनसे जुड़े कई मशहूर किस्सों में बताते हैं कि अपनी मां के 45 रुपये चुराकर वह कोलकाता चले गए थे। वहां सत्यजीत रे से मुलाकात की और फिर डायरेक्शन में कॅरिअर बनाने का निश्चय किया। फिर वह मुंबई आ गए। संघर्ष के बाद मोहन स्टूडियो से उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ। फिल्मी सफर ...

विपश्‍यना (Vipassana) : #1EK सांस की अहमियत

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विपश्यना का अर्थ है - विशेष प्रकार से देखना (वि + पश्य + ना) लेकिन क्या ऐसा हम कर रहे हैं...! इस प्रश्न का उत्तर हमें स्वयं से पूछना होगा। विपश्यना (संस्कृत) या विपस्सना (पालि) यह गौतम बुद्ध द्वारा बताई गई #1EK योग साधना हैं। इसमें सांस लेने और छोड़ने के बीच जो रिक्त स्थान है, उस पर सहजता से ध्यान देने पर जोर दिया गया है। इसी ध्यान को विपश्यना कहा गया है। यह #1EK प्राचीन ध्‍यान विधि है, जिसका अर्थ होता है देखकर लौटना. इसे आत्‍म निरीक्षण और आत्‍म शुद्धि की सबसे बेहतरीन पद्धति माना गया है। हमारी जिंदगी क्या है... मेरे शब्दों में कहें तो महज #1EK सांस का सफर...! #1EK सांस भीतर... और जब वह बाहर निकलती रहती है तो जिंदगी चलती रहती है और जैसे ही #1EK सांस बाहर जाने के बाद भीतर नहीं पहुंची... शरीर ‘मिट्टी’ कहलाने लगता है। तभी कहा गया है कि यह दुनिया #1EK सराय है... और विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि उसे उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है। आत्मनिरीक्षण की यह कला हमें भीतर और बाहर की सच्चाई का साक्षात्कार कराती है। मन में व्यर्थ के विचार आना बंद ह...

We have #ZEE1EK, हमारे पास है #ज़ीवनएक

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ज़िदगी से शिकायत तो हमें बहुत हैं लेकिन फिर भी हम इसे शिद्दत से जीना चाहते हैं क्योंकि We have #ZEE1EK बोले तो हमारे पास #ज़ीवनएक ही है। हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके भी आते हैं, जब हम करना कुछ चाहते हैं और करना कुछ पड़ता है। आप माने या न माने, लेकिन यही सच है एक इत्तफाक जिंदगी को नई दिशा दे देता है। किसी मोड़ पर कोई #1EK अच्छा शख्स टकराता है और हमारी ज़िदगी महक जाती है। इसी प्रकार कोई खलनायक मिलने पर जिंदगी नरक भी बन सकती है। जिंदगी में यदि सकारात्मक होता है तो ऐसे क्षणों से हम सभी को ऊर्जा मिलती है। इसी प्रकार नकारात्मकता हमें अवसाद की ओर ले जाती हैं। ऐसे हालातों की वजह से लोग अक्सर आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। वे भूल जाते हैं कि उनसे नफरत करने वाले यदि कुछ लोग हैं तो उनसे प्यार करने वालोंं की संख्या उनसे कहीं ज्यादा है। पहले जानते हैं कि जिंदगी क्या है... मेरे शब्दों में कहें तो महज #1EK सांस का सफर...! #1EK सांस भीतर... और जब वह बाहर निकलती रहती है तो जिंदगी चलती रहती है और जैसे ही #1EK बाहर जाने के बाद भीतर नहीं पहुंची... तो मौत की सुगबुगाहट आसपास सुनाई देने लगती है। तभी किसी न...

#1EK खबर की तरह एनडी टीवी बिक रहा है...!

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रवीश कुमार... नाम तो सुना होगा। चर्चा है कि उन्होंने एनडी टीवी छोड़ दिया है। दूसरी खबर है कि एएमजी मीडिया नेटवर्क्स (एएमएनएल) की सहायक कंपनी विश्वप्रधान कामर्शियल प्राइवेट लिमिटेड ने परोक्ष रूप से एनडीटीवी समूह की 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी जल्द ही एनडीटीवी में 26 फीसदी हिस्सेदारी और खरीदने की भी कोशिश करेगी। मतलब साफ है कि अब एनडी टीवी बिकने की चर्चा चल रही है। गुस्ताखी माफ...! हर मीडिया समूह में सबसे ज्यादा चर्चा खबरें बेचने को लेकर होती है। अरे.. यह खबर बिक सकती है... तुम खबर नहीं बेच सकते तो काम के पत्रकार नहीं हो... डेस्क इंचार्ज नहीं हो... खबर बेचने वाला चाहिए...! कुल मिलाकर खबर को उत्पाद की शक्ल देने वाले मीडिया समूह जब खुद खबर बनते हैं तो... लोग चटकारे लेकर उनकी चर्चा करते हैं, खासकर पत्रकार बिरादरी के लोग। सोशल मीडिया पर इस समय एनडी टीवी की टीआरपी जबरदस्त बढ़ी है... वजह चाहे जो भी हो... उसके बिकने की खबर ट्रेंड कर रही है...! यही समय है...! विरोधी फरमा रहे हैं कि मोदी के पि्रय अडाणी जब चैनल की कवरेज नहीं खरीद सके तो उन्होंने चैनल ही खरीद ल...

शुभारंभ...बोले तो किसी काम का #श्रीगणेश! अर्थात #1EK

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जब किसी भी काम का शुभारंभ किया जाता है तो सबसे पहले श्रीगणेश जी का आह्वान हम करते हैं। हर पूजा से पहले पंडित जी सबसे पहले श्रीगणेशाय नम: लिखते हैं। दरअसल, गणेश जी को विघ्नहर्ता व ऋद्धि -सिद्धि का स्वामी कहा जाता है। माना जाता है कि इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओं की पूर्ति होती है। हर विघ्न का विनाश होता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो शुभारंभ...बोले तो किसी काम का #श्रीगणेश! इसी प्रकार अंकों में सबसे पहले #1EK (एक) आता है। तभी कहा जाता है कि #1EK का अंक अद्वितीय है... बस समझने का फर्क है। पहले गणेश जी और गणेश महोत्सव की बात। हिंदू कैलेंडर के अनुसार गणेश उत्सव की शुरुआत भाद्रपद अर्थात भादौ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को होती है। कई जगह तीन दिन और ज्यादातर जगह 10 दिन के लिए गणेश स्थापना करने के बाद विसर्जन किया जाता है। सप्तमी या अनंत चतुर्दशी के दिन मूर्ति का विसर्जन होता है। अबकी भादौ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में यानी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 31 अगस्त 2022 बुधवार को गणेश चतुर्थी के दिन मूर्ति स्‍थापना होगी। यह चतुर्थी विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चौथ के नाम ...

यह पब्लिक है पब्लिक... किसी को हीरो या जीरो बना सकती है...!

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हिंदी फिल्में धड़ाधड़ फ्लाप हो रही हैं और साउथ की फिल्मों की कमाई का ग्राफ लगातार चढ़ता जा रहा है। यह पब्लिक है पब्लिक... किसी को हीरो या जीरो बना सकती है...! अब यह सबके समझ आने लगा है। कभी अभिनेता-अभिनेत्री कहा करते थे जिसे देखना हो, हमारी फिल्में देखे, न देखना हो तो घर बैठे...! अब पबि्लक के रवैये से उनका कॉन्फिडेंस हिल गया है। हैशटैग बॉयकॉट का वायरस जिस फिल्म को लग रहा है, वह टांय-टांय फिस्स बोल रही है। यही है एकता की ताकत, जिसे पब्लिक दिखा रही है...! जिसे भी पलकों पर पब्लिक ने बैठाया, वह सुपर स्टार, मेगा स्टार और जुबली स्टार कहलाया। ज्यादातर हर हीरो... वीर होता था... फिल्म के अंत में कहानी में ‘द इंड’ के साथ वह साबित करने में सफल रहता है कि वही ‘मीर’ है। लेकिन अब पबि्लक की कई अभिनेताओं पर भृकुटि टेढ़ी हो गई है। उनकी फिल्मों से लोगों को मोह खत्म हो गया है। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन सच है कि पबि्लक जब किसी को फ्लाप करने पर आती है तो अच्छे-अच्छे पानी मांगने लगते हैं। उनकी खाली लुटिया भी डूब जाती है। अभिनेताओं के साथ नेताओं का भी यही हाल है। इस समय सभी पबि्लक की निगाह में अपनी इमेज चमका...

पाकिस्तान जब अपने आकाओं का ना हुआ तो... हमारा क्या होगा

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भारत में हर पढ़ा-लिखा व्यकि्त मोहम्मद अली जिन्ना के नाम से परिचित जरूर होगा... पाकिस्तान के पितामह के रूप में वह उन्हें जानता भी होगा लेकिन ज्यादातर को शायद ही यह बात पता होगी कि मोहम्मद अली जिन्ना भी मूल रूप से ‘हिंदू’ ही थे। उनके अंतः की कहानी... रोंगटे खड़े करने वाली है। मरने के बाद उनकी दुर्गति पाकिस्तान की सोच को साफ करने के लिए काफी है। इसी प्रकार दूसरा नाम... रहमत अली का है, जिस व्यक्ति ने ‘पाकिस्तान’ शब्द को गढ़ा था... को भी इस पाक मुल्क ने दुत्कार दिया था। सबसे बड़ा इत्तफाक यह भी है कि पाकिस्तान कहां से कहां तक रहेगा... की रूपरेखा पर मुहर लगाने वाले अहमदी थे और आज पाक में ये गैरमुस्लिम करार दिए जा चुके हैं। इस प्रकार साफ है कि पाकिस्तान जब अपने आकाओं का ना हुआ तो भारत के साथ वह कैसे अपने संबंध सुधार सकता है? चलिए इतिहास के पन्ने पलटते हैं तो जानकारी हासिल होती है सन् 1933 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिंध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए ‘पाक्स्तान’ शब्द का सृजन किया था, जो बाद में ‘पाकिस्तान’ बना। सबसे पहले 1932 में लंदन में इस शब्द की ...

RaRe नाम की #1EK Story

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RARE enterprises..... में Ra से राकेश है, और Re से रेखा... अर्थात उनकी पत्नी का नाम! RARE का अर्थ होता है "दुर्लभ" और सच में जीवन से भरपूर #राकेश_झुनझुनवाला अपने पीछे वित्तीय दुनिया में #1E K अमिट योगदान छोड़ गए हैं। #1EK पीढ़ी आपको देख, सीख बड़ी हुई है। भारत की प्रगति के प्रति बेहद सजग राकेश जी का जाना दुखद है। ॐ शांति।🙏 भारत के वॉरेन बफे’ कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने पिछले महीने ही 5 जुलाई अपना जन्मदिन मनाया था और आज 14 अगस्त को वह दुनिया छोड़ गए। उनका पूरा नाम राकेश राधेश्याम झुनझुनवाला था। उन्होंने 1987 में मुंबई के अंधेरी में रहने वाली शेयर ब्रोकर रेखा झुनझुनवाला से शादी की थी। राकेश झुनझनवाला के पोर्टफोलियों में टाइटन कंपनी, टाटा मोटर्स, क्रिसिल, ल्यूपिन, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, फेडरल बैंक, डेल्टा कॉर्प, डीबी रियल्टी और टाटा कम्युनिकेशंस आदि स्टॉक शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ी होल्डिंग टाइटन कंपनी में हैं। इतने बड़े पोर्टफोलियो के मालिक झुनझुनवाला एक समय पर ब्रोकिंग का काम करते थे. लेकिन, हवा पलटी और उन्होंने अपनी ही ट्रेडिंग कंपनी शुरू की। इसके पीछे...

#1EK गजब की कहानी, सफल मां-बेटे वाली

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केरल के मां-बेटे ने #1EK साथ पास की पीसीएस की परीक्षा। है ना गजब की कहानी... इसे मेहनत के साथ जीवनएकइत्तफाक #ZEE1EKItifaq भी कहा जा सकता है। मां का नाम है बिंदु और बेटे का नाम है विवेक। बिंदु केरल के मलप्पुरम की रहने वाली है और इनकी उम्र है 42 वर्ष। वहीं इनके बेटे विवेक की उम्र है 24 साल। मां-बेटे की जोड़ी ने जब लोक सेवा आयोग की परीक्षा एक साथ पास की तो... इनकी सफलता की कहानी देश भर में चर्चित होने लगी है। एक मां की खुशनुमा तस्वीर.... और साथ में बेटे को मिली सफलता... सच में गजब का कीर्तिमान है...! बिंदु करीब 10 साल से आंगनबाड़ी शिक्षिका रही हैं और पीसीएस की तैयारी बेटे के साथ शुरू की। वे बताती हैं कि कोचिंग सेंटर के उनके शिक्षकों, दोस्तों और उनके बेटे ने उन्हें प्रोत्साहित किया। यही प्रोत्साहन उनकी सफलता में प्रेरक बना। बेटे विवेक ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया कि वे दोनों एक साथ पढ़ाई नहीं करते थे, लेकिन वे कुछ विषयों पर आपस में चर्चाएं किया करते थे.। विवेक ने कहा- मैं अकेले पढ़ाई करना पसंद करता हूं जबकि मां हमेशा पढ़ाई नहीं करती थीं। वह समय मिलने पर और आंगनबाड़ी की ड्यूटी के ...

रेवड़ी कल्चर पर खुराफातीलाल के विचार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने रेवड़ी कल्चर पर हमला बोला तो केजरीवाल जी ने जवाबी तोप दाग दी। मोदी जी बोले थे- मुफ्त की संस्कृति से देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा। ऐसे कदमों से करदाताओं पर बोझ बढ़ता जाएगा। अगर राजनीति में ही स्वार्थ होगा तो कोई भी आकर मुफ्त पेट्रोल-डीजल देने की घोषणा कर सकता है। इस बयान पर तोप दागते हुए केजरीवाल जी बोले- देश का पैसा देश की जनता के लिए है। यह पैसा नेताओं के दोस्तों के लोन माफ करने के लिए नहीं है। कहा जा रहा है कि अगर सरकारें फ्री में सुविधाएं देंगी तो कंगाल हो जाएंगी। इससे देश को नुकसान होगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो अरविंद केजरीवाल मुफ्त की संस्कृति के पक्षधर दिखते हैं...! जब मुफ्त या फ्री के मुद्दे पर विचारक खुराफातीलाल से चर्चा की गई तो उन्होंने अपनी खोपड़ी खुजाते हुए कहना शुरू किया- देखिए साब! मुफ्त में किसी भी व्यकि्त को कुछ भी मिलता है तो वह बटोरने की सोचता है। किसी को आप अपना समय दीजिए तो वह समझेंगे कि आप फालतू हैं और निठल्ले हैं। आपके पास कोई काम तो है नहीं... बस आ गए उनके पास गपियाने...! इसी प्रकार किसी भिखारी को यदि बिना मांगें ही लोग पैसे देने लगे त...

हे साहेब...! गुरूर न कर तू कुर्सी का...

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एक मुख्यमंत्री ने पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और फिर नया राजनीतिक चोला बदलकर नए सीएम पद की शपथ ली.... इनका नाम तो जानते ही होंगे आप... सही पकड़े हैं- उन्हें दुनिया नीतीश कुमार के नाम से जानती है...! मुस्कुराएं... वे बिहार में हैं...! कुर्सी वही है, नेता भी वही बस राजनीतिक सहयोगी बदल गए...! इस प्रकरण के दौरान एक पुरानी बात याद आ गई- कि कुर्सी किसी की सगी नहीं होती। हे साहेब...! गुरूर न कर तू कुर्सी का... यहां कल कोई और होगा। कुर्सी की महत्ता पर मेरी तरफ से एक कविता मुफ्त... गुस्ताखी माफ...! बाबू नीतीश जी, सत्ता के लिहाज से आपका यह दांव भले ही बढ़िया हो लेकिन सी वोटर सर्वे ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वे आपके भविष्य के लिए खतरे की घंटी बन सकते हैं...! सी वोटर सर्वेक्षण... आजतक करवाता रहा है और अबकी बार फिर से नए दावे और वादों के साथ एक्सक्लूसिव रिपोर्ट दिखा रहा है। आजतक... जो खुद को सबसे तेज होने का दावा करता है... अपने सर्वे ‘बिहार का मिजाज’ में बताया कि लालू यादव के सुपुत्र तेजस्वी यादव की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। बिहार में कौन मुख्यमंत्री बेहतर रहेगा, के जवाब में बिहार की ज...

देखते हैं कि बिहार कितना आगे जाता है... मिलते हैं ब्रेक के बाद...!

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नीतीश नाम का #1EK अर्थ पढ़ा- सही रास्ते का मास्टर...! और मीडिया में चर्चें हैं पलटूराम नाम के...! राजनीतिक विश्लेषक खुराफातीलाल से इस संबंध में चर्चा की तो वे बेबाक ढंग से बोले- पलटूराम अर्थात दोनों तरफ चलने वाला व्यक्त्वि और सही रास्ते का मास्टर भी वही कहलाता है जो अपनी सुविधा के हिसाब से रास्ता चुने...! भइया नाम का असर पड़ता है, व्यक्तित्व पर...! खुराफातीलाल की गिनती व्यंग्यकारों में भी होती है इसलिए वह अपनी बात पर मुस्करा उठे...! अब घटनाक्रम पर नजर डालते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने पहले भाजपा-जदयू गठबंधन तोड़ा और फिर राज्यपाल फागू चौहान को अपना त्यागपत्र सौंपा। यह काम निपटाने के बाद वह राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे और वहां से तेजस्वी यादव का तेज साथ लिया और राज्यपाल से मिलने पहुंच गए। पहले वह सरकार गिराकर आए थे और अबकी उसे ही बनाने का दावा करने। गजब का गणित है... सरकार बनाने के लिए सरकार गिराने का...! राम... राम... यही राजनीति है...! यहां शुचिता के लिए जगह नहीं। परिवर्तन होना है पर कुर्सी वही रहेगी... कुर्सी पर नितीश वही रहेंगे.... बस बदलेगा दल... इसी को राजनीति की भाषा में दलदल कहते ...

तिरंगी कांग्रेस को भाया काला रंग... भई वाह!

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तारीख : 5 अगस्त, साल : 2022 और बदलाव की बयार के लिए, विरोध जताने के लिए तिरंगी कांग्रेस ने धारण किया काला रंग... भई वाह। महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेसियों ने नई रणनीति के तहत काले रंग का चुनाव किया...! ड्रेस कोड अलग था, सो मीडिया हल्कों में चर्चा होनी लाजिमी थी और खूब हुई भी। काले लिबास में कांग्रेसी जंच भी रहे थे। रंग विशेषज्ञ खुराफातीलाल फरमाते हैं कि पुलिस की वर्दी का रंग खाकी और विरोध करने वाले यदि काले कपड़े में हो तो उनका कॉम्बीनेशन गजब का दिखता है और शायद यही वजह थी कि काले रंग ने कांग्रेस को जबरदस्त प्रचार दिया, जिसकी वह काफी अरसे से भूखी चल रही थी। यह बात और है कि भाजपा वालों ने उनकी बखिया उधेड़ने के लिए तमाम व्यंग्य बाण भी छोड़े पर मीडिया हल्कों में कांग्रेस ने बढ़त बना ली, इसमें कोई शक नहीं है...! यदि हम जिंदगी की बात करें तो हर किसी को इंद्रधनुष चाहिए होता है... यानी सारे रंग लेकिन काला रंग हर रंग पर भारी रहता है। इसी प्रकार हम कांग्रेस की बात करते हैं तो उसने तिरंगे को ही अपना झंडा बना रखा है। देश के ध्वज और कांग्रेसी झंडे में थोड़ा ही फर्क है ...

ईशनिंदा.... बात नजरिया बदलने की है...!

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#1EK सवाल.. यदि हम आसमान में थूके तो क्या होगा... इसका जवाब है... वह हमारे ही मुंह पर गिरेगा...! इस सच से कोई इनकार नहीं करेगा लेकिन इसके बावजूद ईशनिंदा का मुद्दा हाल के दिनों में गर्म चल रहा है। भाषा कोई भी हो... उसमेें जो भी अक्षर होते हैं, उन्हीं से धर्मग्रंथ लिखे गए हैं और अभद्रता भरे वाक्य भी... केवल शब्दों के सही और गलत इस्तेमाल का फर्क है... बस नजरिये का अंतर है और सारा परिदृश्य बदल जाता है। किसी अखबार... पत्रिका आदि में कई बार इसी प्रकार मानवीय गलती की वजह से वाक्यों में अर्थ का अनर्थ हो जाता है और इसके बाद इस तरह के काम करने वाले कई बार कोपभाजन बनना पड़ता है। मेरा मानना है कि हम सबके भीतर एक आवाज है, जिसे हम दिल की आवाज कहते हैं। उसे सुनना जरूरी है। इसे ना सुनने के कारण ही हमारा और समाज का पतन हो रहा है। गलत और सही में सही कौन और गलत कौन... इसका फैसला भी कई बार समय करता है। पुराने समय की बात है... एक नाम... गैलीलियो गैलिली.. जन्म इटली में हुआ... ज्ञान की प्राप्ति हुई तो बांटना चाहा- दुनिया को बताया कि ब्रह्मांड में पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं लेकिन चर्च क...