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Showing posts from August, 2023

#1EK जानकारी : ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में सेल्फी (Selfie)... शब्द कब शामिल किया गया

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आज के दौर में लगभग हर हाथ में मोबाइल है और सेल्फी (Selfie) लेना लोगों का शगल... लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली सेल्फी किसने ली थी.. अंतरिक्ष में खीची पहली सेल्फी कितने में बिकी... और ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में सेल्फी (Selfie) शब्द कब शामिल किया गया?... चलिए हम आपको ऐसे कई तथ्यों की जानकारी देते हैं। सेल्फी को अंग्रेजी के शब्द 'Self' से लिया गया है और इसका मतलब होता है कि खुद के द्वारा खींची गई फोटो। आज Selfie को मोबाइल फोन के फ्रंट कैमरा से लिया जाता है लेकिन जब मोबाइल नहीं थे... तब क्या? तो आपको जानकारी के लिए बता दूं... पहली सेल्फी मोबाइल के आने से काफी समय पहले ही ले ली गई थी...। हैरान न हों....। पहले सेल्फी के बारे में जान लें... इसे सेल्फ पोट्रेट self-portrait बोले तो खुद की तस्वीर बनाना कह सकते हैं लेकिन खुद कोई अपनी फोटो कैसे बनाएगा.. यह तो बड़ा कठिन है लेकिन मोबाइल ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है। सेल्फी खींचना अब साधारण है... बस क्लिक करने की देर है और आप सेल्फी में कैद...। हर मोबाइल फोन में कैमरा है.. और इसमें सेल्फी मोड में करने भर की देर है और नतीजा ... आपक...

आपका कुछ निजी नहीं है... इंटरनेट की दुनिया में

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इतना समझ लीजिए कि आपका निजी कुछ भी नहीं है सब एक लाइन में भागे जा रहे हैं... कॉपी-पेस्ट करें जा रहे हैं... मैं खुराफातीलाल बोले तो डॉ. श्याम प्रीति आपको सचेत कर रहा हूं.... अरे साहब, इंटरनेट की दुनिया में इतना समझ लीजिए कि आपका निजी कुछ भी नहीं है जो भी है सार्वजनिक है तो आप किसी रोक रहे हैं। जब आप स्वयं अपनी जानकारियां आदि सब कुछ दुनिया को बांट रहे हैं तो फिर नोटिस किसे दे रहे हैं। नोटिस तो आपको खुद लेना होगा कि क्या दुनिया को देना है और क्या नहीं देना है। यह आपका अधिकार नहीं बुद्धि विवेक हैं कि दुनिया को आप क्या बताना चाहते हैं.. बोले तो अपना क्या-क्या राज सार्वजनिक करना चाहते हैं। मेरा स्पष्ट मानना है कि हिंदुस्तान... भेड़िया धसान... जिसने भी लिखा होगा, वह बहुत बुद्धिमान होगा। यही आज फिर देखने को मिल रहा है। फेसबुक का नियम बदल रहा है... यह जुमला हर कोई बक रहा है। मुझ जैसे बुड़बक को यह समझ नहीं आ रहा कि लोगों को यह क्या हो गया है। सब खाना खाना भूलकर खुद को बचाने के लिए चिल्ला रहे हैं लेकिन हुजूर जब आपने अपनी निजी जानकारियां स्वयं दुनिया वालों को बांट रखी हो तो उसका जिम्मेदार कौन इहो...

नेता, न्यूज एंकर और मोबाइल.... तीनों ढपोरशंख के भाई

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आभासी दुनिया के धुरंधरों, अर्जुन और बिना गुरु के एकलव्यों...! आप सभी को मेरा राम-राम, सलाम और सश्रियकाल... बोले तो जयहिंद इंकलाब...! मैं हूं खुराफातीलाल। तो हे पार्थ...! मैं ढपोरशंख... नाम तो सुना होगा आपने...! नहीं सुना तो जान लें मेरे बारे में... “अहम् ढपोर शंखनम् वदामि च ददामि न... अर्थात मैं ढपोर शंख... समय की भांति महज सुनाता भर हूं क्योंकि मैं #1EK विचार हूं... इसलिए मुझे सुनकर आप सोचिएगा जरूर। हे पार्थ...! मेरा परिचय जानने के बाद आप मेरे संबंधियों के बारे में जानना चाहेंगे तो कान खोलकर और दिमाग सि्थर कर सुनिए ढपोरशंख की वाणी...! नेता, न्यूज एंकर और मोबाइल... तीनों मुझ नाचीज के हैं छोटे भाई और हमारी इकलौती बहन है आम जनता, लेकिन उसका घनत्व कुछ ज्यादा ही है। रक्षाबंधन हो या भाईदूज वह हमेशा हमारा सम्मान करती है और हम भी उसे बहुत प्यार करते हैं। हमेशा उसे आश्वासन के झूलों में झुलाते रहते हैं...! लेकिन वह कभी भी हमें प्यार करना नहीं छोड़ती क्योंकि वह हम पर विश्वास करती है और हम भी उसी के सहारे चल रहे हैं। अपने छोटे भाइयों के साथ मैं ढपोरशंख शपथपूर्वक कहता हूं कि आम जनता के बिना हम क...

चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे पहले निधन किसका हुआ....

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क्या आप जानते हैं कि चांद पर सबसे पहले कौन गया था... मुझे पता कि आपको इस सवाल का जवाब मालूम है... नील आर्मस्ट्रांग .... लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे पहले निधन किसका हुआ....? तो आप निश्चित रूप से जवाब नहीं दे पाएंगे... और इसी प्रकार दूसरे चांद यात्री का नाम पूछूंगा तो भी शायद आप ना में अपना सिर हिला दें। दोस्तों, जीके शब्द बहुत छोटा है बोले तो जनरल नॉलेज, लेकिन इसका विस्तार अंतरिक्ष सरीखा ही है। खैर, मुद्दे की बात करते हैं तो... दुनिया के अब तक 12 लोग ऐसे हैं, जो चांद का दीदार वहां पर जाकर कर चुके हैं। इनमें पहला नाम नील आर्मस्ट्रांग का है तो दूसरा नाम है बज एल्ड्रिन। बज एल्ड्रिन के नाम भी #1EK रिकॉर्ड है, वह अगले लेख में पढ़िएगा...! खैर, चांद पर अब तक जाने वाले 12 तीर्थयात्रियों में सबसे पहले आठवें नंबर पर गए जेम्स इरविन का निधन सबसे पहले हुआ था। जेम्स इरविन वर्ष 1972 में नासा से रिटायर्ड हुए थे। उन्होंने ईसाई धार्मिक आउटरीच संगठन हाई फ्लाइट फाउंडेशन की स्थापना की। उनकी मौत हार्ट अटैक से वर्ष 1991 में जब हुई तब वह 61 साल के थे। इस वजह...

हर #1EK भारतवासी को समझनी होगी आजादी की कीमत

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आजादी के समय सोने की कीमत 89 रुपये थी जो अब 52 हजार रुपये के पार पहुंच चुकी है। इसे अब दूसरे दृषि्टकोण से समझे तो हमारी आजादी की कीमत कितने गुना बढ़ चुकी है... इसका केवल अंदाजा लगाया जा सकता है लेकिन इस तथ्य की किसी को कोई परवाह नहीं है। हम भूल चुके हैं कि हमारी आजादी की सीमा वहीं खत्म हो जाती है, जहां से दूसरे की सीमा शुरू होती है लेकिन इस बात से हम इत्तफाक नहीं रखते क्योंकि खुद को श्रेष्ठ साबित करने में हम सभी लगे हैं। आज आज़ादी का अमृत महोत्सव आजाद भारत के 75 वर्ष की गवाही दे रहा है लेकिन हम अभी तक अपने अधिकार और कर्तव्यों तक को ठीक से समझ नहीं सके हैं। अधिकार... जिसे हमें छोड़ना नहीं चाहिए, उसे हम आसानी से छोड़ देते हैं और कर्तव्य, जिन्हें भूलना नहीं चाहिए, उसे उसी आसानी से भूल जाते हैं। इस सच को स्वीकारने के लिए हम अभी तक तैयार नहीं हैं। सरकार अभियान चला रही है... हर घर तिरंगा लेकिन तिरंगा हाथ में लेने भर से हम देशभक्त नहीं बन जाते... तिरंगे की #1EK गरिमा है, जिसे हमें समझना होगा। जैसे- तिरंगे में तीन रंगों की पट्टियां हैं। रंगों के बारे में किसी से पूछिएगा तो जवाब मिल जाएगा... ...