आधा गिलास भरा... आधा गिलास खाली
एमबीए की क्लास चल रही थी... मैनेजमेंट गुरु के हाथों में एक गिलास पानी था...। उन्होंने आधा पानी पी लिया और आधा भरा गिलास सामने विद्यार्थियों को दिखाकर उनसे पूछा कि यह क्या है? कुछ होशियार युवा चहके और बोले... गुरु जी.. आधा गिलास भरा है...। गुरुजी जवाब सुनकर गद्गद् हो गए... उन्हें इसी जवाब की उम्मीद थी, सो पूरी हो गई। गुरुजी ने गिलास को मेज पर रखकर बोले... यह किस-किस को आधा खाली दिखाई दे रहा है? अचानक खुराफातीलाल नामक विद्यार्थी ने अपना हाथ उठाया... तो मैंनेजमेंट गुरु ने ज्ञान बघारना शुरू किया... तुम मैनेजमेंट क्या खाक समझोगे... जब तुम्हें यह गिलास आधा खाली दिख रहा है? खुराफातीलाल मुस्कुराया... फिर बोला... चिल गुरुजी...चिल... ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह गिलास आपको आधा भरा हुआ दिख रहा है तो फर्क क्या पड़ता है और मुझे आधा खाली दिख रहा है तो क्या? क्या मतलब...? गुरुजी मुंह बनाकर बोले। गुरुजी! मैं आपको कभी सर नहीं कहता...जानते हैं क्यों? नहीं... कहकर वह चुप हो गए। गुरुजी! शिक्षक सिर्फ ज्ञान तक सीमित रहता और गुरु ज्ञान से आगे की हकीकत से हमारा परिचय करवाता है। लेकिन आज आपने भी...