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Showing posts from April, 2023

निन्यानवे के फेर में मत पड़ो....

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कहा जाता है कि सबसे खराब है निन्यानवे के फेर में पड़ना...! दरअसल, इसका अर्थ है धन कमाने में लगा रहना... और यदि आदमी यह करता है तो वह परिवार से कट जाता है। ऐसे में लोग समझाते हैं कि बेटा... तुम निन्यानवे के फेर में मत पड़ो.... नहीं तो जिंदगी खराब हो जाएगी। जितना है उसी में खुश रहना सीखो। दुनिया में शायद ही कोई होगा, जो इस 99 के फेर में न पड़ता हो। असल में रुपया कमाने का जुनून ऐसा होता है कि #1EK-एक करके रुपये आदमी जोड़ता है... लेकिन जैसे ही यह आंकड़ा 99 तक पहुंचता है तो हर किसी को पहला शतक लगाने का चस्का लग जाता है और यह चस्का ऐसा लुभावना होता है कि जो दौड़ शुरू होती है, वह रुकने का नाम नहीं लेती। 90 के बाद 100 का रोमांच देखना हो तो क्रिकेट से बेहतर और कौन सी जगह हो सकती है। 90 रन बनाने वाला बल्लेबाज चाहता है कि वह शतक बना ले और कई बार नवर्स नाइंटी का शिकार बन जाता है। आंकड़ों की बात करें तो क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर 100 सेन्चुरी लगा चुके हैं लेकिन वह अपने कॅरिअर में कुल 28 बार नर्वस 90 का शिकार हुए। इस मामले में भी वह क्रिकेट के बादशाह कहे जाते हैं। वनडे में 18 ब...

#1EK STORY...............विकास@विनाश

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विकास@विनाश विकास नगर मोहल्ले में आज ज्यादा चहल-पहल थी। चमचमाती सीसी टाइल्स रोड का उद्घाटन जो होना था...! नौवीं-दसवीं के छात्र दक्ष के घर के सामने बने तीन मंजिला मकान की रेलिंग में लगे बैनर पर विधायक पवन कुमार का नाम लाल रंग से बड़े हर्फों में चमक रहा था। मोहल्ले के कई कथित गणमान्य लोगों के नाम भी नीचे की ओर छपे थे। बैनर के ठीक नीचे स्टेज बनाया गया था। उसके सामने रोड पर कुर्सियां बिछाई जा रही थीं। घर के फर्स्ट फ्लोर में बने कमरे की खिड़की से यह नजारा देख रहा दक्ष थोड़ा दुखी था। इसकी वजह थी, जो उसके भारी विरोध के बावजूद उखाड़ फेंकी गई थी...! शून्य के निहारते दक्ष की निगाहों में बीती बातें एकाएक घूमने लगीं...! सीन-1 रोड की नाप-जोख हो रही थी। इसे देखकर ज्यादातर मोहल्ले वाले खुश थे तो कई खफा भी नजर आ रहे थे। नाराज होने वालों में ज्यादातर वो थे, जिनके अवैध कब्जे रोड बोले तो सड़क के विकास के लिए बलि चढ़ रहे थे। मौसम सुहावना था और शायद इसीलिए मजदूरों के काम की स्पीड भी देखने लायक थी। दनादन हथौड़े चल रहे थे और चबूतरे या फर्श की बैंड बज रही थी...! कई लोगों से सड़क की यह हालत देखी नहीं जा रही थी...

आखिरी गांव माणा अब है ... गांव नंबर #1EK

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परेड में “पीछे मुड़” कहते ही #1EK नंबर वाला व्यक्ति आखिरी और आखिरी वाला पहले नंबर पर आ जाता है...! #ZEE1EKItifaq है... यही सच है... विश्वास नहीं हो रहा तो अबकी #1EK उदाहरण करीब 19 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित माणा गांव का। चीन की सीमा से लगे उत्तराखंड की सीमा पर बदरीनाथ से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गांव अभीतक भारत का आखिरी गांव कहा जाता था। इस संबंध में यहां पर बाकायदा बोर्ड तक लगाया गया गया था लेकिन हाल ही में सीमा सड़क संगठन (BRO) की ओर से इस गांव को भारत का पहला गांव घोषित कर दिया गया है। साथ ही इसके लिए #1EK नया बोर्ड भी लगाया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह भारत का एकमात्र ऐसा गांव है, जो धरती पर मौजूद चारों धामों में भी सबसे पवित्र माना जाता है। इसे शापमुक्त और पापमुक्त भी माना जाता है। कहा जाता है कि इस गांव का नाम मणिभद्र देव के नाम पर ‘माणा’ पड़ा था। हरिद्वार और ऋषिकेश से इस गांव तक एनएच 58 के जरिए पहुंचा जा सकता है जबकि यहां से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार में है, जो यहां से करीब 275 किमी है। यह भी किंवदंती है कि यदि आप गरीबी से पीछा छुड़ाना चाहते ह...

योगीराज में ‘आदमखोर शेर’ हो रहे ढेर

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भगवान श्रीकृष्ण को योगीराज भी कहा जाता है। योगीराज बोले तो महान तपस्वी और तपस्वी वह है, जो समाज की बेहतरी के लिए ‘तप’ करता हो...! मेरा मानना है कि आज के दौर में यह तप करना आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए पहले खुद को तपाना पड़ता है। आज शायद इसी वजह से माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा... का बयान देने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जबरदस्त चर्चा में भी है। उत्तर प्रदेश का आज जो माहौल है... उसमें आम आदमी से ज्यादा अपराधी में सरकार का भय दिख रहा है! आम लोगों की निगाह से देखा जाए तो यह डर अच्छा है क्योंकि अपने आतंक के बल पर ऐसे बदमाश और माफिया आम लोगों को अपना आसान शिकार समझते हैं। उन पर हेकड़ी गांठ कर अपना आतंक कायम करते हैं। नतीजतन वह खुद को बाहुबाली मानकर फिर उनकी तकदीर का फैसला तक करने लगते हैं। कुछ समय पहले तक ऐसा आम माना जाता था लेकिन योगी आदित्यनाथ ने जबसे सत्ता संभाली है... आतंक फैलाने वालों में खुद दहशत है। आंकड़े भी बताते हैं कि पिछले छह सालों में 10 हजार से ज्यादा अपराधियों के एनकाउंटर हुए हैं। मार्च 2017 से उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ शुरू हुआ एनकाउंटर अभि...

जातिगत समस्या सिर्फ मानसिक है...आइए हम #1EK बने...!

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बिहार में जातिगत जनगणना के साथ चर्चाएं आम हैं... कोई इसके फायदे गिना रहा और कोई इसकी आलोचना कर रहा है... लेकिन हम तो ठहरे #1EK कॉमन मैन बोले तो आम आदमी... लेकिन हमें इस नाम की पार्टी का सदस्य न समझ लीजिएगा... हम तो भारतीय हैं... लेकिन शुद्धता के फेर में पड़े बिना...! तो हम बिना लाग-लपेट अपनी बात कहने जा रहे हैं...! तो हुजूर/मोहतरमा और यदि कोई बीच का शख्स है... तो हे! अर्द्धनारीश्वर! मेरा प्रणाम स्वीकार करें। सादर निवेदन करता हूं कि आप सभी कोरोना महामारी का संकटकाल झेल चुके हैं...! किसी की नौकरी गई तो किसी की जिदंगी... किसी के अपने गए तो कोई पराये के जाने पर भी रोया... यही जिंदगी है... #1EK सांस अंदर... और #1EK सांस बाहर...; इसके बावजूद हम झंझावतों में फंसे हुए थे और हैं... या फंसाए गए थे या हैं... समझ नहीं आता। देश का हार... बोले तो बिहार... कुछ नासमझ लोगों की गलत सोच को बोलू तो.... लेकिन पहले गुस्ताखी माफ... #1EK बिहारी... सौ बीमारी... अब नजरिया बदलें... माखनचोर को हम बांके बिहारी भी कहते हैं... मन शांत हुआ ना... जवाब आपका हां ही होगा। अब आगे... इस समय जाति का मुद्दा फिर से गर्म ...