जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या से विश्व सकते में... पर पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) की गोली मारकर हत्या तारीख आठ जुलाई 2022 को यह घटना उस समय हुई जब शिंजो आबे एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। हमलावर तत्सुका यामागामी ने पीछे से उन्हें गोली मारी। घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। हमलावर तत्सुका यामागामी जापान की नेवी का ऑफिसर रहा है और जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उसने बताया कि वह आबे से 'असंतुष्ट' था। मौके पर वह एक पत्रकार बनकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचा था। वह साथ में हैंडगन लेकर गया था। हमलावर ने बंदूक को कैमरे की तरह रखा हुआ था। घटना के संबंध में आरोप लग रहा है कि हमले की साजिश चीन ने रची है पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है और न ही किसी भी तरह का कोई आधिकारिक बयान सामने आया है। हमारा जीवनएक इत्तेफाक है... यह बात मैं यूं ही नहीं कहता... (Shinzo Abe) शिंजो आबे (Shinzo Abe) की हत्या से फिर इस तरह की हुई घटनाएं ताजा हो गईं...! पहले भी कई राष्ट्रप्रमुखों और बड़े नेताओं की हत्या की जा चुकी हैं। इनमें से अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राह्म लिंकन और जॉन एफ कैनेडी के बीच समानता का किस्सा सबसे ज्यादा चर्चित किस्सों में #1EK रहा है। अगले अंक में यह कहानी पेश करूंगा। फिलहाल अभी इस घटनाक्रम के संबंध पर चर्चा... पहले जापान की ही बात.... वहां पर करीब 90 साल पहले एक और प्रधानमंत्री की हत्या कर दी गई थी। साल था 1932 और महीना था मई। तब नेवी के कई अफसरों ने पीएम आवास में घुसकर प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी का कत्ल कर दिया था। यह भी बताया जाता है कि सुयोशी की हत्या तख्तापलट की कोशिश में हुई थी। इससे पूर्व दिसंबर 1931 में वह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। नेवी से जुड़े एक मामलों में ब्रिटेन की सेना के साथ संधि हुई थी और इस फैसले से नौसैनिकों में काफी असंतोष बढ़ गया था। इसी वजह से यह अप्रत्याशित घटनाक्रम हुआ। अब दुनिया के दरोगा अमेरिका की चर्चा .... प्रसिद्ध अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन भले लोकप्रिय रहे हों लेकिन उनसे भी नफरत करने वाले थे। वह अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने थे। लिंकन ने अमेरिका को गृहयुद्ध के संकट से निकाला था और उन्हें दास प्रथा को खत्म करने का श्रेय भी दिया जाता है। इसके बावजूद वे भी नफरत का शिकार बने। उनकी हत्या साल 1865 में तब की गई जब वह एक थिएटर की तरफ जा रहे थे। जॉन विल्क्स बूथ पर हत्या का आरोप लगा था। इस घटनाक्रम के बाद 35वें अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी भी हत्या का शिकार बने। साल था 1963 और उन्हें गोली मार दी गई। राष्ट्रपति की कुर्सी संभालते हुए दो साल ही बीते थे कि उत्तरी टेक्सास के डलास शहर में उनकी हत्या कर दी गई। घटनाक्रम के दौरान वह अपनी पत्नी जैकलीन कैनेडी और टेक्सास के गवर्नर के साथ भारी सुरक्षा के बीच खुली कार में बैठकर दौरा कर रहे थे। उनका काफिला जैसे एक प्लाजा के पास पहुंचा तभी उन पर फायरिंग हुई। अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद भारत की बात... आयरन लेडी नाम से चर्चित प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके सरकारी आवास पर हुई। हत्या का आरोप उनके अंगरक्षकों पर लगाया गया। जब वह अपने आवास के लॉन में निकली तभी उनके बॉडीगार्ड्स सतवंत और बेअंत सिंह ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बताते हैं कि स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की नाराजगी इसका कारण थी। इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गांधी भी हत्यारों की नफरत का शिकार बने। श्रीलंका में हस्तक्षेप... उनकी मौत का कारण बना। उनकी हत्या 21 मई 1991 में तमिलनाडु में श्रीपेरुमबुदुर में चुनावी सभा के दौरान हुई। लिट्टे की आत्मघाती महिला हमलावर नलिनी ने उन्हें बम से उड़ा दिया था। किस्मत की बात है कि वह अपने भाई संजय गांधी की हवाई हादसे में मौत के बाद वह राजनीति में आए थे और प्रधानमंत्री की कुर्सी को सुशोभित कर चुके थे। भारत के बाद पड़ोसी मुल्कों की चर्चा बांग्लादेश के राष्ट्रपति जियाउर रहमान की 30 मई, 1981 को हत्या कर दी गई थी। चटगांव में इस काम को बांग्लादेश की सेना की एक टुकड़ी ने अंजाम दिया था। ऐसा कहा जाता है कि यह कर्नल मोतीउर रहमान के इशारे पर किया गया था। वह बांग्लादेश के आठवें राष्ट्रपति थे। घटना के बारे में लेफ्टिनेंट मुस्लेहुद्दीन ने गवाही देते हुए कहा- जिया के सबसे नजदीक था मैं और मेजर मुजफ्फर कांप रहे थे। मैंने जिया को आश्वस्त किया परेशान मत होइए। हमें यही आभास था कि जिया को गिरफ्तार किया जाना है लेकिन कर्नल मोती के पास दया नहीं थी। उन्होंने अपनी मशीन गन से फायर किया और गोलियां जिया के शरीर के दाहिने हिस्से में लगीं। जिया मुंह के बल गिरे। उनके सारे शरीर से खून निकल रहा था। मोती ने अपनी मशीनगन के बैरल से जिया के शरीर को पलटा और पूरी मैगजीन जिया के चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से पर खाली कर दी। जिया के मरते ही सारे हत्यारे सर्किट हाउस से चले गए। वो अपने साथ अपने दो घायल साथियों को ले गए। इस पूरे प्रकरण में सिर्फ 20 मिनट लगे। इसी प्रकार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में एक रैली के दौरान की गई। वह दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकी थीं। बेनजीर ने अपने पिता की सियासी विरासत संभालते हुए राजनीति में प्रवेश किया और पहली बार 1988 में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थीं। उनके पिता जुल्फिकार अली भुट्टो को 1975 में प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। हत्या के आरोप में उन्हें चार अप्रैल 1979 को फांसी की सजा दे दी गई। 1988 में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ विरोधी ताकतों ने कार्यकाल पूरा नहीं होने दिया और उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद 1993 में वह एक बार फिर पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी लेकिन वर्ष 1996 में उन्हें अपने पद से दोबारा हाथ धोना पड़ा। 27 दिसंबर 2007 को चुनावी रैली के बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। रैली खत्म करने के बाद जैसे ही बेनजीर कार के सनरूफ से बाहर देखते हुए अपने समर्थकों से विदा दे रही थीं तभी उन पर गोली चली और बेनजीर दुनिया से रुखस्त हो गईं। इससे पहले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की भी हत्या कर दी गई थी। 16 अक्टूबर 1951 को उन्हें गोली तब मारी गई जब वह रावलपिंडी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। पुलिस ने हमले के तुरंत बाद ही हमलावर सैद अकबर को मार गिराया था। इत्तेफाक रहा कि पाकिस्तान में बेनजीर और लियाकत अली की हत्या रावलपिंडी में चुनावी जनसभा के दौरान की गई। इस लिस्ट में एक नाम सऊदी अरब के किंग शाह फैसल का भी आता है। उनकी हत्या 25 मार्च 1975 को कर दी गई थी। वह अपने दरबार में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। उनका भतीजा फ़ैसल बिन मुसाइद वहां मौजूद था। किंग शाह फैसल जैसे ही उसके पास पहुंचे तो उसने पिस्तौल से उन्हें गोली मार दी। इसके बाद वह नीचे गिर गए और बाद में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वर्ष 1964 में फैसल ने सऊदी किंग के रूप में शपथ ली थी। इसी क्रम में 4 नवंबर 1995 को इजरायल के तात्कालीन प्रधानमंत्री यित्जाक राबिन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या उस वक्त की गई जब वह तेल अवीव के किंग्स ऑफ स्क्वायर से रैली कर लौट रहे थे। यिगाल आमिर नाम के हमलावर ने उनको तीन गोलियां मारी। आमिर को गिरफ्तार किया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। इसी प्रकार कैरेबियाई देश हैती के राष्ट्रपति जोवेनेइल मोसे को भी गोली से उड़ाकर मार डाला गया। तारीख थी 7 जुलाई 2021 और तब हमलावरों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मारी। हमले में उनकी पत्नी मार्टिन मोसे भी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। मोइसी की हत्या में 26 कोलंबियाई और दो अमेरिकी नागरिक शामिल बताए गए थे। इनमें से 17 कोलंबाई पूर्व सैनिक रह चुके थे।

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