तिरंगी कांग्रेस को भाया काला रंग... भई वाह!
तारीख : 5 अगस्त, साल : 2022 और बदलाव की बयार के लिए, विरोध जताने के लिए तिरंगी कांग्रेस ने धारण किया काला रंग... भई वाह। महंगाई के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेसियों ने नई रणनीति के तहत काले रंग का चुनाव किया...! ड्रेस कोड अलग था, सो मीडिया हल्कों में चर्चा होनी लाजिमी थी और खूब हुई भी।
काले लिबास में कांग्रेसी जंच भी रहे थे। रंग विशेषज्ञ खुराफातीलाल फरमाते हैं कि पुलिस की वर्दी का रंग खाकी और विरोध करने वाले यदि काले कपड़े में हो तो उनका कॉम्बीनेशन गजब का दिखता है और शायद यही वजह थी कि काले रंग ने कांग्रेस को जबरदस्त प्रचार दिया, जिसकी वह काफी अरसे से भूखी चल रही थी। यह बात और है कि भाजपा वालों ने उनकी बखिया उधेड़ने के लिए तमाम व्यंग्य बाण भी छोड़े पर मीडिया हल्कों में कांग्रेस ने बढ़त बना ली, इसमें कोई शक नहीं है...!
यदि हम जिंदगी की बात करें तो हर किसी को इंद्रधनुष चाहिए होता है... यानी सारे रंग लेकिन काला रंग हर रंग पर भारी रहता है। इसी प्रकार हम कांग्रेस की बात करते हैं तो उसने तिरंगे को ही अपना झंडा बना रखा है। देश के ध्वज और कांग्रेसी झंडे में थोड़ा ही फर्क है अशोक की लाट और हाथ के पंजे का...! जैसे ही भाजपा वालों ने हर घर तिरंगा का अभियान चलाया... कांग्रेसियों ने अपना ही चोला बदल लिया...! गजब है भइया...! तिरंगे से काला रंग... बदलाव की यह बयार... अपनी तो समझ में नहीं आई। कभी हम कलमतोड़ू पत्रकार हुआ करते थे लेकिन अब प्लासि्टक पीटा करते हैं। यही समय का बदलाव है तो कांग्रेस ने अपना चोला बदल लिया तो कौन सी बड़ी बात है?
मैं भी इस सच से इनकार नहीं करता कि दिन है तो रात है और रात है तभी दिन का महत्व है। सफेद रंग हर रंगों के समावेश से बनता है और काला, सफेद का विरोधी माना जाता है। विज्ञान कहता है कि दिन में जो आसमान कई रंगों में नजर आता है, वह प्रकाश की महिमा होती है लेकिन रात में घुप्प अंधेरा काला रंग सबको डराता है। लेकिन यह भी सच है कि यदि काला रंग न हो तो अन्य रंगों को कोई पूछेगा भी नहीं। साहित्यकारों तो काले रंग से बहुत स्नेह होता है। कोई काली जुल्फों की चर्चा करता है तो कोई काजल के काले रंग का। कोई गोरी के काले तिल पर काव्य लिख मारता है तो किसी को ब्लैक ब्यूटी भाती है तो उसकी शान में कसीदे पढ़ता नजर आता है।
ज्यादातर किताबों के पेजों पर काली स्याही से ही लिखा जाता है...! सब दिल से यही मानते हैं कि काला रंग ही बुरी नजर से सबको बचाता है। भगवान शनि का प्रिय रंग काला.... सबको डराता भले हो पर वही डर से सबको बचाता भी है। पहले कक्षा में श्याम पट होता था काला.. अब समय बदला तो व्हाइट बोर्ड है पर लिखने वाला पेन काले रंग का है। अर्थात काला रंग अभी भी फैशन में है और आगे भी रहेगा। फैशन विशेषज्ञ खुराफातीलाल फरमाते हैं कि जब कुछ मैच करने के लिए आपके पास न हो तो ब्लैक ट्राई कीजिए क्योंकि काला रंग हमेशा एवरग्रीन रहता है। किसी रंग के बगल मेें काले को बैठा दो तो उसकी रंगत बढ़ जाती है। वैसे भी जब कुछ समझ में न आए तो काला रंग सबसे बढ़िया विकल्प माना जाता है... कांग्रेसियों ने भी शायद यही सोचकर यह दांव चला... काला लिबास। माना जाता है कि काला रंग अत्यधिक गर्मी प्रदान करने वाला होता है... अब शायद राजनीति के क्षेत्र मेें गर्मी और बढे़गी... देखते हैं.... लोकतंत्र में यह जरूरी भी है...!
Dr. Shyam Preeti
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