विपश्यना (Vipassana) : #1EK सांस की अहमियत
विपश्यना का अर्थ है - विशेष प्रकार से देखना (वि + पश्य + ना) लेकिन क्या ऐसा हम कर रहे हैं...! इस प्रश्न का उत्तर हमें स्वयं से पूछना होगा। विपश्यना (संस्कृत) या विपस्सना (पालि) यह गौतम बुद्ध द्वारा बताई गई #1EK योग साधना हैं। इसमें सांस लेने और छोड़ने के बीच जो रिक्त स्थान है, उस पर सहजता से ध्यान देने पर जोर दिया गया है। इसी ध्यान को विपश्यना कहा गया है। यह #1EK प्राचीन ध्यान विधि है, जिसका अर्थ होता है देखकर लौटना. इसे आत्म निरीक्षण और आत्म शुद्धि की सबसे बेहतरीन पद्धति माना गया है।
हमारी जिंदगी क्या है... मेरे शब्दों में कहें तो महज #1EK सांस का सफर...! #1EK सांस भीतर... और जब वह बाहर निकलती रहती है तो जिंदगी चलती रहती है और जैसे ही #1EK सांस बाहर जाने के बाद भीतर नहीं पहुंची... शरीर ‘मिट्टी’ कहलाने लगता है। तभी कहा गया है कि यह दुनिया #1EK सराय है... और विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि उसे उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है। आत्मनिरीक्षण की यह कला हमें भीतर और बाहर की सच्चाई का साक्षात्कार कराती है। मन में व्यर्थ के विचार आना बंद हो जाते हैं।
विकार शरीर के लिए कैसे घातक होते हैं... इसे समझने के लिए साधारण उदाहरण से समझा जा सकता हैं। मन में विकार आते ही सांस की गति तेज हो जाती है और जब मन शांत होता है तो सांस की गति सामान्य रहती है। #1EK इत्तफाक (संयोग) आपकी सांसों को प्रभावित कर सकता है तो आपकी जिंदगी को क्यों नहीं कर सकता? इसलिए अपने 17 साल के शोध के आधार पर यह बात मैंने लिखी कि मीडिया का सबसे बड़ा विचार #ZEE1EKItifaq #जीवनएकइत्तफाक है...!
कहते हैं कि कि भगवान बुद्ध ने ध्यान की 'विपश्यना-साधना' द्वारा बुद्धत्व प्राप्त किया था। विपश्यना बोले तो मन की गहराइयों तक जाकर आत्मशुद्धि की साधना। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है। दूसरे शब्दों में विपश्यना का अर्थ- जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना है। जैसे- किसी समस्या से पलायन सही उपाय नहीं है, हमें समस्या का सामना करना चाहिए।
गौतमबुद्ध भी कहते हैं कि हर दिन की अहमियत समझें। इंसान हर दिन #1EK नया जन्म लेता है। हर दिन #1EK नए मकसद को पूरा करने के लिए है। इसलिए हर दिन #1EK नई कोशिश करें। We have #ZEE1EK बोले तो हमारे पास #ज़ीवनएक ही है इसलिए इसे शिद्दत से जीना चाहिए और अपनी उम्मीद को कभी खत्म नहीं होने देना चाहिए। यदि आपकी कोशिश ईमानदार हैं तो आपको मौके जरूर मिलेंगे। ऐसा इत्तफाक (संयोग) जरूर होगा, इस पर विश्वास करना चाहिए। गौतम बुद्ध का भी उदाहरण भी हमारे सामने है। वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ, इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ... हैं ना #ZEE1EKItifaq #जीवनएकइत्तेफाक...!
Dr. Shyam Preeti
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