कमाल की #1EK फिल्म ‘पुष्पक’, जिसमें कमल ने किया था अभिनय
कन्नड़ फिल्म केजीएफ हिंदी में बहुत चर्चा में आई और नतीजा केजीएफ-2 में खलनायक संजय दत्त बन गए। फिल्म ने करोड़ो कमाए लेकिन इससे पहले 80 के दशक में आई थी कामल की #1EK फिल्म ‘पुष्पक’, जिसमें कमल हसन ने अभिनय किया था। कमल हासन की यूनीक फिल्मों में #1EK पुष्पक लाजवाब है।
बोलने वाली फिल्मों के दौर में मूक फिल्म... वाकई कमाल का प्रयोग था। कह सकते हैं कि इसके जैसी कोई दूसरी फिल्म भारत में नहीं बनी। इसमें कोई डायलॉग नहीं थे। इसमें कोई संवाद के स्थान पर सिर्फ एक्सप्रेशन था।
इस फिल्म ने कमल हसन को मिस्टर परफेक्शनिस्ट साबित किया है। फिल्म में अमाला, और टीनू आनंद भी हैं। फिल्म बिना किसी डायलॉग के शूट हुई और इसकी स्क्रिप्ट इतनी शानदार थी कि शुरू से अंत तक ये मूवी सभी को बांध रख पाने में कामयाब रही।
फिल्म में एक बेरोजगार शख्स की कहानी है, जो रोजगार ढूंढ़ने के लिए मेहनत और पढ़ाई मन से नहीं करना चाहता है मगर वो खुद को ओवरस्मार्ट समझता है। कहानी देखने के लिए फिल्म देखें तो बेहतर है। कहते हैं कि फिल्म बैचलर्स के लिए गुरुकूल है...। कहानी में है कि रुपया पैसा कितना भी आ जाए लेकिन शांति मेहनत की कमाई से ही मिलती है।
इससे पहले 60 के दशक में सत्यजीत रे की शार्ट फिल्म टू आई थी, जो इसी तरह की थी। खुद सत्यजीत रे ने पुष्पक की तारीफ की थी। फिल्म ने कई सारे अवार्ड जीते और खूब नाम कमाया। इससे पहले 1987 में जब निर्देशक संगीतम श्रीनिवास राव को इस फिल्म का आइडिया एक फिल्म की शूटिंग के दौरान आया। इसमें एक कलाकार को बिना संवाद भयभीत होने का अभिनय करना था। उसने जब यह कर दिखाया तो पुष्पक फिल्म का अंकुर उनके मन में फूटा और फिर महज दो हफ्ते में उन्होंने ‘पुष्पक विमान’ की स्क्रिप्ट लिख डाली। यह कन्नड़फिल्म थी जो हिंदी भाषा में ‘पुष्पक’ के नाम से रिलीज हुई।
‘पुष्पक विमान’ को सेंसर बोर्ड से कन्नड़ फिल्म के तौर पर पास कराया गया। हिंदी में नाम मिला ‘पुष्पक’, तेलुगू में ‘पुष्पका विमानमु’, तमिल में ‘पेसुम पदम’ और मलायलम में इसे ‘पुष्पकविमानम’ नाम से रिलीज किया गया। मजेदार तथ्य यह कि इस फिल्म में जब संवाद नहीं थे तब भी फिल्म के नाम अलग-अलग थे।
पटकथा लेकर जब वह कमल हसन के पास गए तो हां कर दी। इसमें कमल ने मूंछें तक मुंडवा दी थीं। मूंछों वाले चेहरे के भाव साफ समझ नहीं आते, ऐसा फिल्म निर्देशक संगीतम श्रीनिवास राव का मानना था। संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली ‘पुष्पक विमान’ ने दक्षिण भारत के फिल्मफेयर पुरस्कारों में बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट एक्टर कैटेगरी में जीते। महज 35 लाख रुपये में तैयार इस फिल्म ने खूब कमाई की। 17 नवंबर को रिलीज के 35 साल पूरे होने पर पूरी टीम को बधाई।
डॉ. श्याम प्रीति
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