ओटीटी प्लेटफॉर्म हो या चैनल... टॉप पर रहती है फिसलन

‌रिलायंस के मशहूर उद्योगपति धीरूभाई अंबानी का स्लोगन.... ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’... आपको याद होगा... आज यह स्लोगन कहीं सुनाई भले न देता हो लेकिन सच जरूर साबित हो चुका है। जिस कंपनी के लिए इस स्लोगन को बनाया गया था... वह कंपनी भी बंद हो चुकी है लेकिन धीरूभाई का यह ‘विचार’ सुपरहिट है।
स्मार्ट फोन के आगमन से इंटरनेट की दुनिया सिमट कर मुट्ठी में समा चुकी है। ज्यादातर कामकाज ऑनलाइन हो गए है... और तो और मनोरंजन के साधन भी एकांत में सिमट गए हैं। ओटीटी बोले तो ओवर-द-टॉप प्लेटफार्म ने लोगों को भरपूर मनोरंजन सामग्री उपलब्ध करवाई है और यह लगातार बढ़ती जा रही है। बढ़ती डिमांड की वजह से फ्री से होता हुआ यह कारोबार अब मंथली चार्ज तक वसूल रहा है। लोगों को मनोरंजन चाहिए तो वे खर्च भी कर रहे हैं।
ये ओटीटी प्लेटफॉर्म एप को लोग आसानी से मोबाइल फोन या टेबलेट पर प्लेस्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसे स्मार्ट टीवी से कनेक्ट कर अपनी पसंद के शोज व फिल्मों का मजा ले सकते हैं। एक ओटीटी प्लेटफार्म के सीईओ का #1EK बयान कभी मैंने पढ़ा था, उसने कहा था- मैं चाहता हूं कि पब्लिक रात में सोये ही नहीं...! इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कारोबार की सीमाएं अब कहां तक पहुंच चुकी हैं। इस माध्यम की ताकत को प्रसिद्ध अभिनेता कमल हसन ने भी पहचाना था जब फिल्म विश्वरूपम रिलीज हो रही थी। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में मोबाइल में नई फिल्में दस्तक देंगी, तब उनका काफी विरोध भी हुआ था। खैर, समय बड़ा बलवान होता है... एक समय बड़ा पर्दा यानी सिनेमा को छोटे परदे यानी टेलीविजन ने टक्कर दी थी। बुद्धुबाक्स कहे जाने वाले दूरदर्शन के बाद जैसे ही टीवी चैनलों की बाढ़ आई तो इसका सीधा प्रभाव सिनेमा पर पड़ा। समय फिर बदला और इसके बाद ओटीटी प्लेटफार्म ने लोकप्रियता की सीढ़ियां चढ़नी शुरू कर दी। अब हालत यह है कि करीब एक दर्जन मनोरंजन चैनल ओटीटी प्लेटफार्म पर अब लोग इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग करके पसंदीदा शो जब चाहे तब देख रहे हैं। अमेज़न प्राइम वीडियो व नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म खुद के कंटेंट या सीरीज बनाकर डाल रहे हैं तो जी5, हॉट स्टार, सोनी लीव, वूट अपने प्रोग्रामों के साथ लोगों क मनोरंजन कर रहे हैं। दरअसल, ओटीटी का सबसे अच्छा फायदा यह है कि लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ता। वे जब चाहे और जो कंटेंट देखना चाहें, उसे संबंधित ओटीटी प्लेटफार्म पर देख सकते हैं। यही इसकी सबसे खास बात है।
अब मुद्दे की बात.... दर्शकों की संख्या तो सीमित है और जिसके पास ज्यादा दर्शक... वही मनोरंजन की दुनिया का बादशाह। चैनलों के बीच भी यही लड़ाई है और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी। जैसे चैनलों में टॉप पर स्टार प्लस है, वैसे ओटीटी प्लेटफार्म पर नेट फ्लिक्स चल रहा है। पिछले साल जहां ओटीटी पर करीब 400 फिल्में और सीरीज रिलीज हुई वहीं इस साल यह संख्या बढ़ने का अनुमान है क्योंकि ओटीटी की ओर दर्शक ज्यादा आकर्षित होते जा रहे हैं। कोरोना काल ने इसे सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाया। लॉकडाउन के दौरान ओटीटी प्लेटफार्म की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। याद करें 1982 में जब दूरदर्शन का प्रसारण रंगीन हुआ तो दूरदर्शन की लोकप्रियता बढ़नी शुरू हुई थी और हम लोग, रामायण और महाभारत जैसे सीरियलों ने इसे बुलंदी पर पहुंचा दिया लेकिन इस एक दशक बाद जी टीवी ने दस्तक दी और #1EK नई रेस शुरू हो गई। वर्ष 2000 में स्टार प्लस हिंदी चैनल बन गया और फिर चैनलों में टीआरपी की लड़ाई छिड़ गई और यह आज तक जारी है। इस लड़ाई में पहले केबीसी ने बाजी मारी थी और इसके बाद स्टार प्लस टॉप पर पहुंच गया और तब से वह अपनी जगह पर कायम है लेकिन सबसे बड़ा सच यही है कि शिखर पर फिसलन है और कोई भी वहां से लुढ़क सकता है और खाली हुई जगह पर कोई दूसरा मौका मिलते ही कब्जा जमा सकता है।
यही जीवनएक इत्तेफाक (#ZEE1EKItifaq) है और बात केवल समय की है। #1EK मौका मिलने का सभी इंतजार कर रहे हैं...। इस पर संजीदगी से विचार करने की जरूरत है।  Dr. Shyam Preeti

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