मुंबई का नया किंग कौन... रॉकी भाई।
मुंबई.... #1EK सपने की नगरी.... फिल्मों की बात करें तो अंडरवर्ल्ड का राज मुंबई में चलता है और मुंबई का किंग कौन...? डायलॉग बोल कर देखिए... आपके पास का हर शख्स कोई नया नाम बोलता दिखेगा। वैसे यह वर्ष 1998 में आई फिल्म 'सत्या' का डायलॉग था और यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई थी। मुंबई का किंग कौन... भीखू म्हात्रे...! यह पढ़कर आपका चेहरा भी खिल गया होगा लेकिन साहब... कुर्सी को किसी की नहीं रही... सो मुबंई का किंग भी बदलता रहता है।
अब नया किंग है रॉकी भाई। दर्शकों की सीटी यश के नाम पर फिल्म केजीएफ चैप्टर-2 में एक बार जो बजनी शुरू हुई.... वह इतिहास बनाने के बाद भी बंद नहीं हुई है...! इस फिल्म के रिसपांस को देखकर लगता है कि रॉकी भाई के रोल में यश का जादू आने वाले कई सालों तक गैंगस्टर किरदारों के लिए #1EK नया मानक गढ़ चुका है।
बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड पर अब तक तमाम फिल्में बन चुकी हैं। इनमें मुंबई पर शायद सर्वाधिक फिल्में होंगी। इनमें डॉन और उनकी जिंदगी के बारे में काफी कुछ दिखाया गया है। फिल्म दीवार में अमिताभ का एंग्री मैन लुक... आज तक सभी को याद है। मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता डाबर सेठ... डायलॉग भी आप भूले नहीं होंगे। इसी साल फिरोज खान की 'धर्मात्मा' भी रिलीज हुई थी जो हॉलीवुड फिल्म 'गॉड फादर' का देसी संस्करण थी।
सच यही है कि अपराध की दुनिया हर किसी को आकर्षित करती है... जो दिमाग से ज्यादा ‘शैतान’ होते हैं... उन्हें कुछ ज्यादा ही। काला स्याह पक्ष दुनिया का सच है क्योंकि यह नहीं होता तो धवल चरित्र की पूछ भी नहीं होती। लेकिन जैसे हर खलनायक चर्चित नहीं होता.. वैसे ही ऐसी हर फिल्म सफलता का इतिहास भी नहीं बनाती। अमिताभ बच्चन की एक और फिल्म आई थी डॉन... जिसने शायद अपराध को लोगों में लोकप्रिय बनाने में बड़ी भूमिका अदा की। फिल्म में एक गीत था.... अरे दीवाने... मुझे पहचानो.... याद आ गया होगा। अपने जमाने की इस चंद्रा बरोट निर्देशित इस फिल्म की स्पीड काबिलेतारीफ थी...। फिल्म सुपरहिट रही।
मेरा मानना है कि अपराध से सजी फिल्में लगातार बनती रही लेकिन सही मायने में फिल्मकार रामगोपाल की 'सत्या' से पहले मुंबई के अंडरवर्ल्ड को इतने विश्वसनीय तरीके से शायद बड़े परदे पर नहीं उतारा गया था। छोटे कलाकारों ने बड़ी सफलता जब हासिल की तो फिल्म की सफलता से प्रेरित होकर अंडरवर्ल्ड की कहानियों पर फिल्मकारों की नजर पड़ी। सच तो यही है कि हिंदी फिल्मों में भेड़चाल हावी रही है...। नतीजा ऐसी फिल्मों की लाइन लग गई।
दरअसल, अंडरवर्ल्ड की कहानियों में एक्शन, रोमांच और इमोशन के साथ स्याह पक्ष भी नजर आता है, सो हर वर्ग को इसकी कहानियां आकर्षित करती हैं। खासकर आम आदमी की विवशता का जो इनमें पुट दिखाया जाता है, वह दर्शकों को झकझोर देता है। यही ऐसा टर्निंग प्वाइंट होता है, जिससे वह खुद को उस किरदार से जोड़ लेता है और जब हीरो बदला लेता है तो सिनेमा में बैठा दर्शक दिल से उसे महसूस करता नजर आता है। नतीजा फिल्म हिट और पैसों की बारिश....!
सत्या की सफलता के बाद वर्ष 2002 में रामगोपाल वर्मा लेकर आए कंपनी... इसमें दाऊद और छोटा राजन के बीच के रिश्तों को दिखाया गया था। इसमें अजय देवगन और विवेक ओबरॉय ने अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया था। इसी क्रम में निर्देशक संजय गुप्ता ने गैंगस्टर मान्या सुर्वे के जीवन पर आधारित शूटआउट एट वडाला (2013) का निर्माण किया। इसमें मान्या का किरदार जॉन अब्राहम ने निभाया था। इस फिल्म को दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया। इससे पहले 1993 में खलनायक से संजय दत्त एक नया ट्रेंड शुरू कर चुके थे। इसके बाद वास्तव (1999) और अग्निपथ (2012) जैसी फिल्मों में अपराधी की भूमिकाओं को नए आयम दिए। कॉमेडियन गैंगस्टर मुन्ना भाई ने तो उन्हें मुन्नाभाई नया नाम दे डाला था। रितिक रोशन ने भी विजय चौहान का बेहतरीन किरदार निभाकर लोकप्रियता हासिल की थी।
इससे पहले अमिताभ बच्चन इसी किरदार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार तक जीत चुके हैं।
अरे, ठहरे जनाब। अब गंभीर अपराध फिल्मों पर चर्चा कर रहे थे। इस जोनर की फिल्म ब्लैक फ्राइडे (2007) को निर्देशक अनुराग कश्यप ने 1993 के प्लॉट पर बनाया था। इसमें बम धमाकों की योजना से लेकर उसके अंजाम को फिल्माया गया। विवादों में घिरी यह फिल्म काफी चर्चित रही। इसी क्रम में डी-डे (2013) फिल्म में ऋषि कपूर ने बेहतरीन अदाकारी दिखाई। इससे पहले वह अग्निपथ में क्रूर लाल का किरदार निभा कर पहले भी चर्चा पा चुके थे।
इसके बाद 2010 में फिल्म आई वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई। इसमें हाजी मस्तान के नेतृत्व में मुंबई में संगठित हुई गैंग्स की कहानी थी। मस्तान 1960 से 1970 के दौरान मुंबई में सक्रिय रहा था। निर्देशक मिलन लुथरिया की फिल्म में अजय देवगन का किरदार हाजी मस्तान और इमरान हाशमी का दाऊद इब्राहिम से प्रेरित था। वर्ष 2017 में शाहरुख रईस लेकर आए। यह गुजरात के शराब माफिया अब्दुल लतीफ शेख से प्रेरित कहानी थी। इसी साल हसीना पारकर फिल्म भी रिलीज हुई थी। हसीना दाऊद इब्राहिम की बहन थी। हालांकि ये फिल्में उतनी सफल नहीं रही पर चर्चित अवश्य रहीं।
इसके महज #1EK साल बाद 2018 आया... कन्नड़ सिनेमा में बनी केजीएफ का जब पहला पार्ट रिलीज हुआ तो इसे दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया। हिंदी में डब होकर आई फिल्म लोगों को खूब पसंद आई। रॉकी भाई... बने यश ने लोगों के दिमाग को हिला डाला लेकिन 2022 में केजीएफ चैप्टर 2 ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 1250 करोड़ की धांसू कमाई कर तहलका ही मचा दिया। अब फैंस केजीएफ के तीसरे पार्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। फिल्म ने जो ट्रेड सेट किया है... उससे लगता नहीं कि रॉकी भाई का जलवा और बढ़ेगा।
यह सभी पांच भाषाओं (कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, तमिल और मलयालम) में मूवी पावर रेटिंग सर्वे में 90+ स्कोर करने वाली पहली फिल्म बन चुकी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केजीएफ3 जब 2024 (संभवत) आएगी तो कनपुरिया भाषा में कहूं तो रॉकी भाई और बड़े भौकाली सुल्तान बनकर उभरेंगे...!
Dr. Shyam Preeti
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