महिंद्रा एंड महिंद्रा #1EK ब्रांड...आनंद महिंद्रा का जन्मदिन #1EK मई
महिंद्रा एंड महिंद्रा नाम का #1EK ब्रांड.... इसे कौन नहीं जानता होगा.... और इसके चेयरमैन हैं आनंद महिंद्रा...! उनका नाम दुनिया के बड़े धनवानों में शुमार होने के साथ वह आम लोगों के बीच लगातार चर्चा में बने रहने वाली शायद सबसे खासमखास शख्सियत हैं। उनके वे ट्वीट अक्सर आम लोगों के बीच सुर्खियां बटोरते रहते हैं, जिनमें वे आम आदमियों के बारे में भी लिखते हैं। इस साल 2023 की शुरुआत में ट्विटर पर #1EK मीम शेयर किया था। इसमें उन्होंने एक शख्स #1EK तारीख को कसरत करना शुरू करता है और चार तारीख तक वह थक-हारकर सो जाता है। महिंद्रा ने इस मीम को शेयर करते हुए लिखा था, “नए साल के पहले हफ्ते के आधे हिस्से तक पहुंचना कुछ ऐसा ही लग रहा है।”
उनके इस ट्वीट को ट्विटर पर काफी पंसद किया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह आम भारतीयों में कितने लोकप्रिय हैं। उद्योगपतियों में शायद वह अकेली शख्सियत हैं, जिनके ट्वीट आम आदमियों के बीच खूब चर्चा पाते हैं और अाम लोग भी उनसे जुड़ने में गर्व की अनुभूति करते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल आम आदमी ही उन्हें पसंद करते हैं, बल्कि बिल गेट्स जैसे लोग भी उनकी तारीफ करने से पीछे नहीं हटते। दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में शुमार बिल गेट्स ने हाल ही में भारत प्रवास के दौरान महिंद्रा ऑटो का इलेक्ट्रिक रिक्शा महिंद्रा ट्रियो भी चलाया। इस वीडियो को लाखों लोगों ने देखा था और देख रहे हैं। सबसे दिलचस्प है कि इस वीडियो के बैकग्राउंड में ‘बाबू, समझो इशारे, हॉरन पुकारे... पम-पम-पम’ गाने का इस्तेमाल किया गया है।
आपको शायद जानकारी हो कि ये दोनों शख्सियतें #1EK साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में क्लासमेट हुआ करते थे। गाड़ी चलाई तो उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं तो उन्होंने आनंद महिंद्रा की तारीफों के पुल बांध दिए। अब आनंद महिंद्रा की जन्मदिन की बात... तारीख है #1EK मई.... यानी मजदूर दिवस... और वह खुद को हमेशा आम आदमी से जोड़े नजर आते हैं.... है नाम खूबसूरत इत्तफाक...! इसी प्रकार उनकी कंपनी का नाम है महिंद्रा एंड महिंद्रा... लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कंपनी का नाम कभी महिंद्रा एंड मोहम्मद... के नाम से जानी जाती थी। चौकिए मत... यही सच है।
फ्लैश बैक... कहानी कुछ इस प्रकार है..... जगदीश चंद्र महिंद्रा का जन्म 1892 को हुआ। इनके भाई का नाम था कैलाश चंद्र महिंद्रा। परिवार मेें नौ भाई-बहन थे। सिर से पिता का साया उठा तो जगदीश चंद्र महिंद्रा को परिवार की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ी। उन्होंने शिक्षा की अहमियत को समझा तो भाई-बहनों को उच्च शिक्षा दी। भाई कैलाश चंद्र को कैम्ब्रिज भेजा। केसी महिंद्रा ने कुछ समय तक अमेरिका में नौकरी भी की। 1945 में भारत लौटे तो उन्होंने भाई जगदीश और मित्र मलिक गुलाम मोहम्मद के साथ 1945 में #1EK कंपनी की नींव रखी। नाम रखा गया महिंद्रा एंड मोहम्मद कंपनी।
शुरुआत #1EK स्टील कंपनी के रूप में हुई थी। इस बीच देश का बंटवारा हो गया और मलिक ग़ुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए। वह वहां जाकर पहले वित्त मंत्री और बाद में देश के तीसरे गवर्नर जनरल बनें। इधर, कंपनी का नाम एमएंडएम पहले से ही रजिस्टर्ड था... सो कंपनी का नाम न बदलकर मोहम्मद की जगह महिंद्रा कर दिया। बाद में जीप का प्रोडक्शन कर कंपनी ऑटोमोबाइल कंपनी बन गई। इसके बाद ट्रैक्टर व अन्य गाड़ियां बनाने लगी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1981 मंे उन्होंने पिता की कंपनी में फाइनेंशियल डायरेक्टर के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद वर्ष 1997 में आनंद महिंद्रा एमएंडएम ग्रुप के निदेशक बने। इस बीच महिंद्रा ग्रुप ने #1EK पैसेंजर कार मार्केट में उतरने की कोशिश की। वर्ष 1995 में अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया गया। बराबर की हिस्सेदारी थी। इसने भारत में एस्कॉर्ट नाम से कार पेश करने की योजना बनाई पर यह ज्वाइंट वेंचर कामयाब नहीं रहा लेकिन इससे नाकामी का आनंद के हौसले पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने ऑटो इंडस्ट्री पर ध्यान केंद्रित किया और अपने इंजीनियर्स को भारतीय बाजार के लिए मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (एमयूवी) का कॉन्सेप्ट तैयार करने का काम सौंपा। उनकी यह कोशिश कामयाब रही। महिंद्रा ने 2002 में भारतीय बाजार में स्कॉर्पियो नाम से अपनी पहली एमयूवी पेश की। यह पूरी तरह से भारत में विकसित गाड़ी थी। इसी स्कॉर्पियो की कामयाबी के बाद आनंद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फ्लैश बैक खत्म...
अब याद करें 11 दिसंबर 2022 का दिन .,.. जब उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से #1EK ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए लिखा, सच तो ये है कि सबसे अमीर कभी नहीं बनूंगा। क्योंकि ये मेरी कभी ख्वाहिश ही ना थी.....आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा? इसका खुलासा भी उन्होंने खुद किया। दरअसल, उनसे #1EK ट्विटर यूजर विक्रांत सिंह ने अंग्रेजी में सवाल पूछा था कि आप देश के अमीरों की लिस्ट में 73वें स्थान पर...#1EK नंबर पर कब आएंगे? इसी ट्वीट पर आनंद महिंद्रा ने हिंदी में ट्वीट करते हुए अपने मन की बात कही थी। यह ट्वीट भी जमकर वायरल हुआ था।
इससे पहले स्वतंत्रता दिवस पर भी उनका ट्वीट जमकर वायरल हुआ था। 15 अगस्त 2022 को आनंद महिंद्रा ने ट्विटर हैंडल से #1EK बुजुर्ग महिला की फोटो शेयर की थी। इस फोटो में महिला को एक छोटे से ड्रम पर चढ़कर तिरंगा फहराने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान महिला के बराबर में एक बुजुर्ग शख्स ड्रम पकड़कर महिला को सहारा दे रहा है। ये फोटो भारत के तिरंगे के प्रति सम्मान और समर्पण दिखा रही थी। कैप्शन में लिखा गया है कि अगर आप कभी सोच रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को लेकर इतनी हलचल क्यों हो रही है तो जरा इन दो लोगों से पूछ लीजिए। ये इसे किसी भी लेक्चर से बेहतर तरीके से समझाएंगे. इस बेहतरीन फोटो और बुजुर्गों के गजब के जज्बे को कई यूजर्स ने सल्यूट किया था।
वर्ष 2022 में ही उन्होंने मदर्स डे पर 'इडली अम्मा' को 1EK बेहद खास तोहफे के रूप में घर गिफ्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, 'हमारी टीम बधाई की पात्र है, जिसने तय समय पर घर का निर्माण पूरा किया और मदर्स डे पर इसे इडली अम्मा को गिफ्ट किया. वह मां के गुण-पोषण, देखभाल और नि:स्वार्थ होने का अवतार है. उन्हें और उनके काम को सहारा देने का सौभाग्य मिला. आप सभी को मदर्स डे की बधाई।' इसके साथ ही उन्होंने इसका वीडियो भी शेयर किया था।
क्या आप 'इडली अम्मा' को जानते हैं?... यदि हां तो बहुत अच्छा और नहीं... तो हम बताते हैं। वह तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में रहने वाली एम. कमलातल हैं। अपने जीवन के 85 से ज्यादा वसंत देख चुकी कमलातल उनके इलाके में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों को महज #1EK रुपये में इडली की बिक्री करती हैं और ऐसा वह लगभग पिछले तीन साल से कर रही हैं। आनंद महिंद्रा ने 10 सितंबर 2019 को 'इडली अम्मा' का #1EK वीडियो शेयर किया था> तब उन्होंने 'इडली अम्मा' के बिजनेस में इन्वेस्ट करने और उन्हें लकड़ी के चूल्हे की जगह गैस स्टोव देने की बात कही थी लेकिन जब उनकी टीम 'इडली अम्मा' से मिलने पहुंची तो उन्होंने #1EK नए घर की इच्छा रखी. उनकी इच्छा सम्मान करते हुए आनंद महिंद्रा ने अपना वादा निभाया था।
इसी प्रकार निवेशक राकेश झुनझुनवाला, जिन्हें मरणोपरांत हाल ही में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। 14 अगस्त 2022 को उनका देहांत हो गया था। तब आनंद महिंद्रा ने ट्वीट में राकेश झुनझुनवाला के साथ साल 2019 में इकोनामिक टाइम्स के रिपोर्टर के इंटरव्यू के स्क्रीन शॉट के साथ लिखा था- "यह पोस्ट आजकल जमकर शेयर किया जा रहा है। अपने जीवन के आखिरी दिनों में राकेश झुनझुनवाला ने सबसे बेशकीमती और मुनाफा कमाने वाली सलाह दी है. राकेश झुनझुनवाला की यह सलाह अरबों रुपए की है और सबसे अच्छी बात यह है कि इस निवेश के लिए आपको अपना समय देना पड़ता है, अपना पैसा नहीं."
शेयर बाजार के दिग्गज कारोबारी राकेश झुनझुनवाला के पास करीब 45000 करोड़ रुपये की पूंजी थी पर महज 62 साल की उम्र में वह दुनिया छोड़ गए। उन्हें कई बीमारियां थी जिसमें डायबिटीज जैसी बीमारियां शामिल थी। उन्होंने इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा था कि उन्होंने शेयरों में निवेश कर तो बहुत रकम कमाई लेकिन अपने स्वास्थ्य पर निवेश नहीं कर सके। आनंद महिंद्रा को उनकी यह सलाह काफी पसंद आई थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा था राकेश झुनझुनवाला की यह सलाह अमूल्य है और हमें इसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करनी चाहिए।
मैं सच कहूं तो आनंद महिंद्रा जी के बारे में जितना पढ़ा... मुझे वह सच में बहुत खास लगे। कारण... कई ऐसे मौके आए हैं जब उन्होंने आम लोगों को तोहफे में उन्हें उनके सपनों की गाड़ी दी। यदि किसी जरूरतमंद की कहानी उन तक पहुंचती है तो वे मदद करते रहे हैं। सच कहूं तो सोशल मीडिया की ताकत बहुत बड़ी है। जनवरी 2022 में उन तक #1EK वीडियो पहुंचा... महाराष्ट्र के दत्तात्रेय लोहार के बेटे की इच्छा थी, कि उनके पास #1EK जीप हो... जुनून ऐसा था कि उन्होंने स्क्रैप मेटल से जीप बना डाली। यह देख आनंद महिंद्रा ने उन्हें तोहफे में बोलेरो दे दी। इससे पहले 2018 में केरल में बाढ़ ने तबाही मचाई थी। जैसल के.पी. से प्रभावित होकर महिंद्रा मराज़ो गिफ्ट कर चुके थे। उनके विचारों में मुझे तो सबसे अच्छा लगा- आपको हर दिन को #1EK नई चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा, और आपको पागल बने रहना होगा...!
Dr. Shyam Preeti
शानदार सर
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