प्रचलन में रहा 2000 का गुलाबी नोट अब हुआ ‘लाल’

सरकार के 2000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा के बाद से यह गुलाबी नोट अब खतरे की घंटी के प्रतीक ‘लाल’ रंग जैसा लोगों को नजर आने लगा है। हालांकि अभी घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि आम लोग आगामी 30 सितंबर तक इसे बैंकों में जमा करवा सकते हैं। मुद्राओं में 2000 का यह ब्रांड अब कुछ समय बाद सिर्फ ‘नाम’ के तौर पर हमारी यादों में जिंदा ही रहेगा।
आम लोग परेशान न हों। 2000 के नोट से जुड़े सवालों के उत्तर इस प्रकार हैं ः- ये बैंक नोट वापस क्यों लिए जा रहे हैं? वर्ष 2016 नवंबर में इस गुलाबी नोट का जन्म हुआ था। मकसद था कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को वापस लेने के बाद अर्थव्यवस्था को गति देना। परिणाम अपेक्षानुरूप आए और इसके बाद 2018-19 में इनकी छपाई बंद कर दी गई। ज्यादातर ये नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे। चूंकि प्रचलन में धीरे-धीरे ये नोट बाहर होते गए और इनका जीवन काल भी चार-पास साल ही था, सो अब सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की 'क्लीन नोट नीति' के अनुसार, इन्हें चलन से बाहर करने का निर्णय लिया। अब आपका प्रश्न होगा कि क्लीन नोट नीति क्या होती है? तो सरल भाषा में जान लें... जनता को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक उपलब्ध करवाए। इसीलिए जो कटे-फटे नोट होते हैं, उन्हें बैंक वापस ले लेता है। 2000 का गुलाबी नोट अब जनता को ‘लाल’ दिख रहा है! कोई कानूनी दिक्कत हो सकती है? सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस साल 30 सितंबर तक ये वैध रहेंगे। इससे पहले इन्हें बैंकों में जमा करवाना है। आप 2000 का नोट ले सकते हैं और दे भी सकते हैं। समयसीमा के भीतर बस इन्हें बैंक में जमा करवाना होगा, अन्यथा की स्थिति में नुकसान भी संभव हो सकता है। जान लें... समय बहुत कीमती होता है। आम आदमी के पास यदि 2000 का नोट हो तो? तो... समय सीमा के भीतर जब भी भी मौका लगे... बैंकों में जमा कर दें या बदल लें। कितने नोट एक साथ जमा करवाए जा सकते हैं? खाता नियम-कायदों से चल रहा है तो एक बार में 10 नोट जमा करवाए जा सकते हैं। नोट बदलवाने के लिए बैंक खाताधारक होना जरूरी है? नहीं जी, आप बैंक खाताधारक नहीं भी हैं तो यही सीमा आप पर लागू होगी। यानी अधिकतम 10 नोट बदल सकते हैं। इसके लिए बैंकों को कोई शुल्क देना होगा? नहीं जी, यह सरकार की तरफ से यह सुविधा पूर्णतया निःशुल्क है। अगर कोई बैंक मना करता है तो क्या करें? पहले बैंक मैनेजर से शिकायत करें। जवाब न मिले तो रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना के तहत cms.rbi.org.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। Dr. Shyam Preeti

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