तब मोदी जी अम‌ेरिका में #1EK आम भारतीय थे...

"We the People..." से भारत और अमेरिका के संविधान की प्रस्तावना शुरू होती है और जीवन #1EK इत्तफाक है.... यही सच है...! समय की बात है... आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं और इस समय मीडिया हलकों में इसकी जबरदस्त चर्चाएं हो रही हैं। गुरुवार यानी 22 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनका भव्य स्वागत किया तो प्रवासी भारतीयों ने मोदी जी के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी लगभग तीन दशक पुरानी उस यात्रा का जिक्र भी किया जब वह आम भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर अमेरिकी प्रवास पर गए थे। तब उन्होंने आम भारतीय की तरह व्हाइट हाउस के बाहर खड़े होकर फोटो भी खिंचवाई थी और तीन दशक के बाद पूरा अमेरिका आज उनके स्वागत के लिए पलक पावड़े बिछाए नजर आ रहा था।
गौतलब है कि अमेरिकी विदेश विभाग और अमेरिकी युवा राजनीतिक नेताओं की परिषद अन्य देशों के युवा नेताओं की अप्रोच समझने के लिए वहां के नेताओं को बुलाती है। इसी क्रम में नरेंद्र मोदी (तब के बीजेपी के युवा नेता ) को अमेरिकन कॉउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर्स के कार्यक्रम में बुलाया गया था। तब मोदी ने इंडियन पॉलिटिक्स, फॉरेन रिलेशन पर विस्तार से बात की थी। इस दौरान कई पॉलिसी मेकर्स, पॉलिटिकल लीडर्स, बिजनेसमेन, ब्यूरोक्रेट्स आदि से भी उन्होंने मुलाकात की थी। वह बताते हैं कि तब वह व्हाइट हाउस आम लोगों की तरह बाहर से ही देख सके थे।
जीवन #1EK इत्तफाक है.... सच है... समय की बात है....आप यदि सही हैं तो वक्त भी गवाही देता है वर्ष 2014 में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कुछ फोटो शेयर की थी। इनमें #1EK फोटो मोदी की व्हाइट हाउस के बाहर वाली भी थी। अपनी इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि वर्ष 1994 में नरेंद्र मोदी ने अमेरिकन काउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर्स) के निमंत्रण पर अमेरिका का दौरा किया था। उन्होंने लिखा था- मैं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार (अब दिवंगत) के साथ टीम का हिस्सा था। दस्तावेजों के अनुसार, नरेंद्र मोदी सितंबर 2014 में बतौर प्रधानमंत्री पहली बार अमेरिका के दौरे पर गए थे। बतौर प्रधानमंत्री उनका यह 6वां आधिकारिक अमेरिकी दौरा है, हालांकि, यह उनका पहला स्टेट विजिट है। उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने न्योता भेजा था। ऐसा नहीं है कि अमेरिका ने हर बार मोदी का स्वागत ही किया हो। वर्ष 2022 में गुजरात के दंगों के मुद्दे पर अमेरिका की भृकुटि मोदी पर टेढ़ी भी हो चुकी है। तब अमेरिका ने उन्हें वीजा देने तक से इनकार कर दिया था। यह रोक 2014 तक बरकरार रही।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 गुजरात दंगों के मामले में अमेरिकी कोर्ट से अक्टूबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बरी तब कर दिए गए थे जब न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उनके खिलाफ अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने मोदी के खिलाफ चल रहा केस बंद करने का आदेश दिया था और सुनवाई के दौरान कहा था कि राष्ट्राध्यक्ष होने के चलते अमेरिकी कानून के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेषाधिकार प्राप्त हैं। मोदी जी के खिलाफ यह अर्जी अधिकारवादी संगठन अमेरिकन जस्टिस सेंटर ने दी थी। भारत में #1EK कहावत कही जाती है- 'समरथ को नहिं दोष गुसाईं' का सीधा सा अर्थ है कि सबल और समर्थ व्यक्ति पर कोई दोष नहीं लगता...! ऐसा ही मोदी जी के साथ भी हुआ। वर्ष 2014 में मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन गए... इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें अमेरिका आने का न्योता दियाा। इसके बाद मोदी के वीजा पर लगा प्रतिबंध हट गया और मोदी सितंबर महीने में उड़कर अमेरिका पहुंच गए। यह दो दिवसीय दौरा 29-30 सितंबर को रहा।
इसके बाद बराक ओबामा से उनकी मुलाकात वर्ष 2016 में 31 मार्च से एक अप्रैल के बीच फिर हुई। इसी साल 7 जून को दोनों नेता फिर मिले। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति बने। ट्रम्प और मोदी की जुगलबंदी वर्ष 2017 में 25-26 जून और वर्ष 2019 में 22 सितंबर को फिर देखने को मिली। इस बार बाइडन ने उन्हें स्टेट विजित का न्योता दिया था। इससे पहले राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल में सिर्फ दो देशों के नेताओं को ही इस 'स्टेट विजिट' के लिए आमंत्रित किया गया है। इनमें पहले फ्रांस राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून सुक येओल शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक अमेरिका तीन बार भारतीय नेताओं को स्टेट विजिट के लिए आमंत्रित कर चुका है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन पहले भारतीय नेता थे, जिन्हें यह सम्मान मिला था। वर्ष 1963 में 3 से 5 जून तक अमेरिका गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी स्टेट विजिट पर वर्ष 2009 में अमेरिका जा चुके हैं। ऐसे राजकीय दौरे के लिए अमेरिका में करीब छह महीने पहले से तैयारी शुरू हो जाती है। तब जाकर सब अमेरिकी मेहमाननवाजी के हिसाब से सटीक हो पाता है। Dr. Shyam Preeti

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