#1EK नाम जो दिमाग में घुस जाए... वही होता है ब्रांड...!
विज्ञापन बोले तो जानकारी कराना.....और ब्रांड... वह है जो #1EK पहचान बनाता है... वह कोई भी विशेष हो सकता है... लेकिन मेरे शब्दों में #1EK नाम जो दिमाग में घुस जाए... वही होता है स्टार बोले तो ब्रांड...! किसी भी उत्पाद या नाम को चमकाने की कला ही ब्रांडिंग कहलाती है। मेरा स्पष्ट मानना है कि दुनिया में सबकी चाहत... आसमान में चमके अपना #1EK नाम...! इसी चाहत की उम्मीद में हर कोई अपनी ब्रांडिंग में जीवन भर जुटा रहता है लेकिन सफलता उसी को मिलती है जो लगातार....कुछ बेहतर और बेहतर करने का माद्दा रखता है।
आज के दौर में विज्ञापनों के महारथियों की बात करें तो 'सबसे रचनात्मक दिमाग' के तौर पर जो नाम सर्वाधिक चर्चा में हैं... उनमें प्रह्लाद कक्कड़, प्रसून जोशी, आर. बाल्की, पीयूष पांडे और जोसी पॉल आदि के नाम हैं।
प्रह्लाद कक्कड़ के कुछ खास स्लोगन.. ये ही है राइट चॉइस (पेप्सी). एवरेस्ट का तीखा लाल, मैगी पिचकू, आई लव यू रसना आदि। प्रसून जोशी एनडीटीवी इंडिया (सच दिखते हैं हम), सफोला (अभी तो मैं जवान हूं), एलजी, मैरिको, परफेटी (अल्पेनलीबे, क्लोरमिंट) और आमिर खान के साथ ठंडा मतलब कोका-कोला आदि हैं। आर. बाल्की दाग अच्छे हैं (सर्फ एक्सेल), जागो रे (टाटा टी) और जानदार आइडिया का विज्ञापन वॉक व्हेन यू टॉक आदि। पीयूष पांडे 2014 के चुनावों के लिए भाजपा के अभियान, कुछ खास है (कैडबरी डेयरी मिल्क), चल मेरी लूना (काइनेटिक लूना) आदि। इसी क्रम में जोसी पॉल भी हैं।
लेकिन....
सबसे गजब का #1EK व्यक्तित्व... एलीक पदसी हैं... जिन्हें फादर ऑफ मॉडर्न इंडियन एडवरटाइजिंग के रूप में जाना जाता है। 17 नवंबर 2018 को उनके निधन के बाद आजतक ने अपनी हेडिंग लगाई थी...एलीक पदमसी का निधन, 'गांधी' में निभाया था जिन्ना का रोल....! इससे समझा जा सकता है कि मीडिया हलको में जो लोग बैकग्राउंड पर रहते हैं, उनका कद कितना भी बढ़ा क्यों न हो, उन्हें कैसे आंका जाता है...!
सबसे महत्वपूर्ण तथ्य.. एलीक पदमसी के नाम को भारतीय विज्ञापनों के ब्रांड जनक के रूप में भी जाना जाता है। भारत में 100 से अधिक ब्रांड को लोकप्रिय बनाने में उन्होंने मदद की। सबसे महत्वपूर्ण बात.. उन्होंने विज्ञापनों को सरल और सीधा रखा... नतीजा वे सभी ब्रांड काफी लोकप्रिय हुए। वह कहते थे... मेरी मां हमेशा कहती थी कि सस्ती चीज खरीदने में और अच्छी चीज खरीदने में फर्क होता है। सस्ता और महंगा सामान खरीदने में अंतर होता है और इस तरह हमने वह ब्रांड वैल्यू बनाई। विज्ञापन का असर रहा कि सर्फ की कीमत ज्यादा होने के बावजूद वाशिंग पाउडर का वह ब्रांड अपने समय में खूब चल था।
यह सच है कि उन्होंने रिचर्ड एटनबरो की ऑस्कर विनिंग फिल्म ‘गांधी’ में मोहम्मद अली जिन्ना का किरदार निभाया था और दुनियाभर में उनके अभिनय की प्रशंसा हुई थी लेकिन उन्हें शोमैन कहना ज्यादा बेहतर लगता है। हालांकि अंतिम समय तक थिएटर उनका स्थायी प्यार रहा। जहां तक व्यावसायिक विज्ञापनों में उनकी सफलता की बात कही जाती है तो यह भी उल्लेखनीय है कि उन्होंने सफल सार्वजनिक सेवा अभियान भी चलाए। उन्होंने एड्स और छेड़छाड़ से सड़क सुरक्षा तक विभिन्न विषयों पर कई सार्वजनिक सेवा के विज्ञापन बनाए, जो काफी सफल रहे। उनका स्टाइल जुदा रहा है। याद करें नारियल, हेलमेट और हथौड़े वाला विज्ञापन। इसमें वह यह नहीं कहते कि हेलमेट पहनो पर आप विज्ञापन देखकर स्वयं हेलमेट पहनने के लिए सोचने लगते हैं। यही #1EK सबसे अलग सोच उनकी सफलता का राज थी।
पेंगुइन इंडिया से प्रकाशित एलीक पदमसी और वंदना सक्सेना पोरिया की 'लेट मी हाईजैक योर माइंड : रिस्टार्ट योर लाइफ विद फ्रीडम' में वह बहुत बेबाकी से अपने विचार लिखते हैं। वह कहते हैं कि शादी तब तक क्यों होनी चाहिए जब तक कि हम मौत से अलग न हो जाएं और आतंकवादी अपने ही पवित्र ग्रंथों का कानून क्यों तोड़ रहे हैं? वह पुरानी चीजों को त्यागने और हर चीज के लिए नए तरीकों को अपनाने का आग्रह करते हैं ताकि अधिक रोमांचक और संतुष्ट जीवन जिया जा सके। उन्होंने समझाया है कि यह किताब आपके दिमाग में लालच, शक्ति और पैसे से अलग जीवन के बारे में सोचने के लिए खिड़कियाँ खोलने का #1EK तरीका है।
वह #1EK बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। लिंटास के अलावा उन्होंने राजीव गांधी काउंसिल में सलाहकार के रूप में काम किया। साथ ही थिएटर के लिए भी समय निकाला। बकौल किरण खलाप (सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक, क्लोरोफिल ब्रांड एंड कम्युनिकेशंस कंसल्टेंसी) उन्होंने एक बार कहा था, “अभ्यास करो, अभ्यास करो, अभ्यास करो, जब तक ऐसा न लगे कि आपने अभ्यास नहीं किया है। एलीक पदसी ने न केवल 100 से अधिक ब्रांडों की कहानियां बताईं, बल्कि उन्होंने चित्रहार, अंताक्षरी और जासूस करमचंद जैसे प्रोग्रामिंग विचार भी दिए। अंग्रेजी रंगमंच के लिए उन्होंने लगभग 70 नाटकों का निर्माण किया था।
#1EK बार इस बात पर बड़ी बहस हुई थी कि भारत में कौन सी एजेंसी नंबर #1EK है - लिंटास या जेडब्ल्यूटी (तब एचटीए)। प्रेस ने बताया कि एचटीए अपने बिलों को बढ़ाने के लिए आईएमआरबी जैसी अन्य कंपनियों के बिलों को शामिल कर रहा था। एलीक, जिन्होंने बहस के दौरान ज्यादा कुछ नहीं कहा था, ने बस एक्सप्रेस टावर्स पर एक बड़ा नंबर वन (#1EK) चिन्ह लगाकर लिंटास को नंबर #1EK घोषित कर दिया, जिसे मालाबार हिल्स से देखा जा सकता था। विज्ञापन एजेंसी लिंटास में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर 1980-1994 तक काम किया था। जीवन को पूरी आनंद से जीने वाले एलीक ने मृत्यु के बाद अपने सभी अंग दान कर दिए थे।
जहां तक उनकी अन्य उपलब्धियों की बात है तो वर्ष 2000 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्हें "एडवरटाइजिंग मैन ऑफ द सेंचुरी" का खिताब मुंबई में द एडवरटाइजिंग क्लब ने दिया था। वह #1EKमात्र भारतीय थे जिन्हें प्रतिष्ठित इंटरनेशनल क्लियो हॉल ऑफ फ़ेम में वोट दिया गया था, जो स्थायी विज्ञापन अभियानों को मान्यता देता है। बिजनेस और ब्रांड रणनीतिकार हरीश बिजूर ने उन्हें एक संस्था कहा। हरीश के मुताबिक, "उनके विचार हमेशा बिल्कुल साहसी और वर्तमान से कुछ कदम दूर रहे हैं, उनमें से कई केस स्टडी हैं।"
एलीक पदसी के प्रमुख विज्ञापन
#1EK. हमारा बजाज... यह ऐसा विज्ञापन था, जिसे 80 के दशक का हर बच्चा आज भी बड़े चाव से याद करता है। ऐसी धुन जो हमेशा उनके दिमाग में बस गई है। आज भी इसे आप सुनेंगे तो... मुग्ध हो जाएंगे।
2. लिरिल साबुन...1985 में झरने के नीचे हरी बिकनी पहने #1EK लड़की (करेन लुनेल) के साथ यह विज्ञापन बनाया गया था। साबुन विज्ञापनों में इसकी प्रस्तुति और धुन ने इसे लोकप्रिय बनाया। यह जबरदस्त हिट रहा था।
3. चेरी ब्लॉसम शू पॉलिश- चार्ली चैपलिन की फिल्म से प्रेरित यह काफी मजेदार विज्ञापन था। इसका लुक आज भी देखने पर बच्चों के साथ बड़ों को भी लुभाता है।
4. एमआरएफ मसल मैन... एमआरएफ टायर... काले टायर को ताकत का प्रतीक बताकर एमआरएफ कंपनी को लोकप्रिय ब्रांड बना दिया। इसका संगीत एआर रहमान ने बनाया था।
5. कामसूत्र कंडोम.... परिवार नियोजन के सााधन के रूप में निरोध कंडोम के दौर में कामसूत्र कंडोम का विज्ञापन क्रांतिकारी साबित हुआ। इसमें सेक्स से आनंद... की बात काफी सहजता से कही गई थी।
6. सर्फ... वाशिंग पाउडर में कैरेटर ललिता जी को साथ जोड़ा। उन्हें एक गृहिणी दिखाया गया था, जो आम भारतीय महिला की तरह चतुर नारी है। वह मोलभाव करती है... समझाती है कि सर्फ खरीदने में ही समझदारी है। बकौल एलीक.. यह किरदार उनकी मां से प्रेरित था।
7. फेयर एंड हैंडसम... फेयरनस क्रीम आमतौर पर महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया जाना वाला प्रोडक्ट माना जाता है लेकिन इसे पुरुषों में लोकप्रिय बनाने के लिए एलीक ने शाहरुख खान को नए रूप में पेश किया। उनका यह प्रयोग भी काफी सफल रहा था।
Dr. Shyam Preeti
Comments
Post a Comment