#1EK जानकारी : ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में सेल्फी (Selfie)... शब्द कब शामिल किया गया
आज के दौर में लगभग हर हाथ में मोबाइल है और सेल्फी (Selfie) लेना लोगों का शगल... लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली सेल्फी किसने ली थी.. अंतरिक्ष में खीची पहली सेल्फी कितने में बिकी... और ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में सेल्फी (Selfie) शब्द कब शामिल किया गया?... चलिए हम आपको ऐसे कई तथ्यों की जानकारी देते हैं।
सेल्फी को अंग्रेजी के शब्द 'Self' से लिया गया है और इसका मतलब होता है कि खुद के द्वारा खींची गई फोटो। आज Selfie को मोबाइल फोन के फ्रंट कैमरा से लिया जाता है लेकिन जब मोबाइल नहीं थे... तब क्या? तो आपको जानकारी के लिए बता दूं... पहली सेल्फी मोबाइल के आने से काफी समय पहले ही ले ली गई थी...।
हैरान न हों....। पहले सेल्फी के बारे में जान लें... इसे सेल्फ पोट्रेट self-portrait बोले तो खुद की तस्वीर बनाना कह सकते हैं लेकिन खुद कोई अपनी फोटो कैसे बनाएगा.. यह तो बड़ा कठिन है लेकिन मोबाइल ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है। सेल्फी खींचना अब साधारण है... बस क्लिक करने की देर है और आप सेल्फी में कैद...। हर मोबाइल फोन में कैमरा है.. और इसमें सेल्फी मोड में करने भर की देर है और नतीजा ... आपकी सेल्फी तैयार है...।
दुनिया की सबसे पहली सेल्फी 1839 में रोबोर्ट कार्नेलियस नामक व्यक्ति ने ली थी। इस काम उसे करीब तीन मिनट लगे थे। जगह थी फिलाडेल्फिया और महीना था अक्टूबर या नवंबर का... 30 वर्षीय रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने अपने पिता की दुकान के पीछे वाले हिस्से में कैमरा सेटअप किया। उन्होंने लेंस कैप बाहर निकाले और फिर फ्रेम के सामने करीब पांच मिनट दिए और लेंस कैप दोबारा लगा दिया...। इसके बाद जो उनकी जो तस्वीर निकलकर आई, उसे पहला सेल्फ-पोर्ट्रेट (अब की भाषा में 'सेल्फी') कहा जाता है।
हालांकि यह भी कहा जाता है कि वर्ष 1850 में दुनिया की पहली सेल्फी ली गई थी। इस सेल्फी को स्वीडिश आर्ट फोटोग्राफर ऑस्कर गुस्तेव रेजलेंडर ने लिया था लेकिन सबसे ज्यादा मान्यता रोबोर्ट कार्नेलियस की तस्वीर को ही दी जाती है। बाद के वर्षों में रॉबर्ट एक मशहूर फोटोग्राफर के तौर पर चर्चित हुए। उनके पिता का लैंप व्यवसाय था, जिसे उन्होंने करीब 20 साल तक चलाया। बाद में यह व्यवसाय अमेरिका के सबसे बड़े लैंप व्यवसाय के तौर पर स्थापित हुआ। इस तस्वीर (सेल्फी) आने के बाद उन्होंने लिखा था, "The first light picture ever taken."
सेल्फ-पोर्ट्रेट के तौर पर उनकी यह तस्वीर भले खासी लोकप्रिय है लेकिन सबसे मजेदार तथ्य यह भी है कि सेल्फी को पहली बार परिभाषित वर्ष 2013 में किया गया। दरअसल, साल 2013 में प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में सेल्फी शब्द को शामिल किया गया। इसमें सेल्फी को परिभाषित करते हुए कहा गया है- ''#1EK फोटोग्राफ, जिसे किसी ने खुद लिया है या अपने स्मार्टफोन या वेबकैम से ली गई अपनी ही तस्वीर, जिसे किसी सोशल मीडिया वेबसाइट पर पोस्ट किया गया हो।'' यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष Selfie (सेल्फी) को प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने Word of the Year का खिताब भी दिया था।
इस तथ्य तो आपने जान लिया लेकिन आपके दिमाग की बत्ती अभी और भी रोशन होगी... जब आपको आगे की जानकारी मिलेगी। अंतरिक्ष में भी कभी सेल्फी खींची गई थी बोले तो सेल्फ-पोर्ट्रेट। इस काम को अंजाम देने वाले थे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बज एल्ड्रिन.... इन्हें आप जानते हैं..... कुछ याद आया... नहीं... अरे हुजूर... चांद पर पहला कदम रखने वाले थे... नील आर्मस्ट्रांग... सही जवाब और दूसरे शख्स कौन थे... ठीक पहचाना बज एल्ड्रिन...। उन्होंने यह काम किया था। वर्ष 1966 में नासा के 'जेमिनी-12' मिशन के तहत वह अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे... तब कैमरे से उन्होंने अपनी यह फोटो कैमरे से ली थी। लंदन में ब्लूम्सबरी ऑक्शन की तरफ से आयोजित नीलामी कार्यक्रम में एल्ड्रिन की सेल्फी के साथ अंतरिक्ष में ली गई 700 अन्य तस्वीरों पर भी बोली आमंत्रित की गई थी। इन सभी तस्वीरों की नीलामी से संस्था ने कुल 4.90 लाख पाउंड (करीब 4.90 करोड़ रुपए) अर्जित किए। 24 अक्टूबर 1946 को अंतरिक्ष में खींची गई पहली तस्वीर 1,736 पाउंड (करीब 1.73 लाख रुपए) में बिकी। यह सेल्फी अनुमान से दस गुना अधिक कीमत पर बिकी थी।
#1EK मीडिया चैनल से बातचीत में बज एल्ड्रिन ने बताया था, मुझे उस वक्त बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि मैं #1EK सेल्फी ले रहा हूं। 1966 के अपने ट्रेनिंग मिशन में ऐल्ड्रिन एक्सट्रा व्हीक्युलर ऐक्टिविटी की जांच कर रहे थे। उन्होंने अंतरिक्ष यात्री के तौर पर अपना कॅरिअर वर्ष 1963 में शुरू किया था और 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 मिशन अंतरिक्ष यान से नील आर्मस्ट्रांग और एक अन्य यात्री के साथ वह चांद पर गए थे। वहां पर दूसरे नंबर के अंतरिक्ष यात्री के तौर पर उनके कदम भी चांद पर पड़े थे। 86 साल की उम्र में उन्होंने साउथ पोल (दक्षिण ध्रुव) तक पहुंच कर #1EK रिकॉर्ड भी कायम किया। वह ऐसा करने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गए। साल 2016 में इस टाइटल को हासिल करने के बाद उन्होंने का था, ‘मैने मौत को बेहद करीब देखा।’ हाल ही, एल्ड्रिन अपने बच्चों के साथ कानूनी विवाद के कारण सुर्खियों में थे। 90 वर्षीय एल्ड्रिन फ्लोरिडा में रहते हैं।
इत्तफाक से लिए गए ये सेल्फ पोट्रेट बोले तो सेल्फी अर्थात फोटो बाद में चर्चा की केंद्रबिंदु बन गईं लेकिन इत्तफाक की यह दास्तान असली सेल्फी से भी जुड़ी है। दरअसल, सोनी कंपनी ने दुनिया में पहली बार फ्रंट कैमरा वाला फोन पेश किया था। जुलाई 2004 में उसने एरिक्सन Z1010 मोबाइल लॉन्च किया.... यह फ्रंट कैमरे से लैस था। इसमें कुल 0.3-मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया था। दरअसल, इस कैमरे को ऑफिस या मीटिंग के दौरान वीडियो कॉफ्रेसिंग के लिए सोचकर बनाया गया था। इसी प्रकार मोबाइल से भी पहली सेल्फी जानबूझकर नहीं अनजाने में ही ली गई थी। इसे भी इत्तफाक कह सकते हैं कि इसी के बाद सेल्फी शब्द की ऐसी बाढ़ आई कि ‘सेल्फी’ शब्द ट्रेंड बन गया। #1EK जगह पर पढ़ा था कि आस्ट्रेलिया में #1EK लड़का था.... नाम था Hopey...। उसने अपने 21वें जन्मदिन पर नशे की हालत में पहली सेल्फी लेकर पोस्ट की थी। दरअसल, चोट लगने से उसके होठों पर टांकें लगे थे। इस लड़के ने सिर्फ यह पूछने के लिए अपनी सेल्फी क्लिक कर सोशल प्लेटफार्म पर डाली कि क्या बार-बार जीभ को टांकों पर लगाने से वह जल्दी ठीक हो जाएंगे. बस तब से सेल्फी का चलन शुरू हो गया..।
सबसे गजब की बात यह है कि आपको शायद यकीन न हो कि पहली कपल सेल्फी भारत में ली गई। जी हां, वर्ष 1880 में आगरतला (त्रिपुरा) के राजघराने में इन्हें खींचा गया था। इस कपल सेल्फी में महाराजा बीर चंद्र माणिक्य(1862–96) और महारानी खुमन चानू मनमोहिनी देवी हैं। जदुनाथ भवन एंड म्यूज़ियम से यह तस्वीर खोजी गई हैं। इसमें आप उनके बाएं हाथ में एक काला लीवर पकड़े देख सकते हैं…जो एके लंबे तार से जुड़ा हैं जो शटर को कंट्रोल करता हैं। बाद के वर्षों में कोडेक कैमरा आने के बाद फोटोग्राफी के आयाम बदलते चलते गए और अब डिजिटल फोटोग्राफी ने हर व्यक्ति को कैमरामैन बना दिया गया है। इसी वजह से मैंने अपने उपन्यास ‘मैं अखबार हूं’ में स्पष्ट रूप से कवर पेज पर लिखा था... हर कोई पत्रकार है... हर कोई पत्रकार है।
Dr. Shyam Preeti
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