हे साहेब...! गुरूर न कर तू कुर्सी का...

एक मुख्यमंत्री ने पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और फिर नया राजनीतिक चोला बदलकर नए सीएम पद की शपथ ली.... इनका नाम तो जानते ही होंगे आप... सही पकड़े हैं- उन्हें दुनिया नीतीश कुमार के नाम से जानती है...! मुस्कुराएं... वे बिहार में हैं...! कुर्सी वही है, नेता भी वही बस राजनीतिक सहयोगी बदल गए...! इस प्रकरण के दौरान एक पुरानी बात याद आ गई- कि कुर्सी किसी की सगी नहीं होती। हे साहेब...! गुरूर न कर तू कुर्सी का... यहां कल कोई और होगा। कुर्सी की महत्ता पर मेरी तरफ से एक कविता मुफ्त... गुस्ताखी माफ...! बाबू नीतीश जी, सत्ता के लिहाज से आपका यह दांव भले ही बढ़िया हो लेकिन सी वोटर सर्वे ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वे आपके भविष्य के लिए खतरे की घंटी बन सकते हैं...! सी वोटर सर्वेक्षण... आजतक करवाता रहा है और अबकी बार फिर से नए दावे और वादों के साथ एक्सक्लूसिव रिपोर्ट दिखा रहा है। आजतक... जो खुद को सबसे तेज होने का दावा करता है... अपने सर्वे ‘बिहार का मिजाज’ में बताया कि लालू यादव के सुपुत्र तेजस्वी यादव की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। बिहार में कौन मुख्यमंत्री बेहतर रहेगा, के जवाब में बिहार की जनता की पहली पसंद वही बन गए हैंैं...! लेकिन गुस्ताखी माफ...! ज्यादातर मीडिया समूह जिस आभा मंडल से खुद ग्रसित हैं, उसी में जनता को भी फंसा दिखाते हैं... यह मेरी समझ से परे है। इतना बड़ा बिहार... और बुद्धिजीवियों की जमात... इसे मुझे सिद्ध करने की जरूरत नहीं है... यह प्रशासनिक सेवा के आंकड़े बताते हैं... और सर्वे में सबसे लोकप्रिय नाम... तेजस्वी का बताया जा रहा है। गजब है भइया... जिस व्यकि्त की शिक्षा पर सवालिया निशान उठाए जाते रहे हो, उसे बिहार जैसे समृद्ध प्रांत के भविष्य का मुख्यमंत्री घोषित कर देना कहां तक बुद्धिमत्ता है, यह आजतक चैनल वाले समझ सकते हैं...! सी-वोटर सर्वे में अन्य जातिगत आंकड़ों पर भी राजनीतिक विमर्श की चर्चा है... तेजस्वी बिहार के भविष्य हैंैं...! सर्वे में 43 प्रतिशत लोगों ने भतीजे को बेहतर मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है जबकि चाचा नीतीश महज 24 फीसद लोगों की पसंद बने हैं... लेकिन फिलहाल सीएम तो वहीं हैं। सर्वेक्षण में भाजपा को महज 19 प्रतिशत वोट मिले हैं... यानी कमल का फूल... मुरझा गया है। इन हालातों को देखकर लगता है कि चाचा गुड़ रह जाएंगे और भतीजा शक्कर बन जाएगा...! मुझे क्षमा करें... शायद भविष्य में यह नारा लगेगा- बिहारियों के गले का हार... बिहार का लाल तेजस्वी कुमार। Dr. Shyam Preeti

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