सावन गुजरते ही दुनिया से रुख्स्त हो गए सावन कुमार टाक
नाम : सावन कुमार टाक
जन्म : 9 अगस्त, 1936, जयपुर राजस्थान
मृत्यु : 25 अगस्त, 2022, मुंबई
चर्चित फिल्में ः ‘हवस’, ‘सौतन की बेटी’, ‘सौतन’, ‘बेवफा से वफा’, ‘सनम बेवफा’ आदि।
हिंदी सिनेमा को तमाम कालजयी फिल्में देने वाले
निर्माता निर्देशक सावन कुमार टाक 25 अगस्त को दुनिया छोड़कर चले गए। फिल्मी दुनिया में वर्ष 1967 से फिल्म ‘नौनिहाल’ से शुरू हुअा उनका सफर... लगातार जारी रहा। उन्होंने कई बेहतरीन फिल्में दीं। उनकी पूर्व पत्नी उषा खन्ना ने अपनी आखिरी बातचीत के बारे में बताया। सावन कुमार ने उन्हें घर पर बुलाकर नए कुक का खाना टेस्ट करने कहा। वह बोलीं- सावन के व्रत चल रहे हैं। बाद में आऊंगी। तब सावन कुमार ने उनसे कहा जब सावन खत्म हो जाएं तब तुम घर पर खाने का स्वाद लेने आना। सावन के गुजरने के साथ सावन कुमार दुनिया से रुख्स्त हो गए।
उनसे जुड़े कई मशहूर किस्सों में बताते हैं कि अपनी मां के 45 रुपये चुराकर वह कोलकाता चले गए थे। वहां सत्यजीत रे से मुलाकात की और फिर डायरेक्शन में कॅरिअर बनाने का निश्चय किया। फिर वह मुंबई आ गए। संघर्ष के बाद मोहन स्टूडियो से उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ। फिल्मी सफर के प्रारंभिक दौर में उनकी मदद उनकी बहन और जीजाजी ने की। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि फिल्म नौनिहाल के आइडिये को मेरी बहन ने रिजेक्ट कर दिया था लेकिन मेरे जीजा जी ने मुझ पर विश्वास किया। यह फिल्म हालांकि फ्लाप साबित हुई लेकिन एक राह उन्हें जरूर मिल गई थी। उनकी इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड में प्रेसिडेेंट मेंशन मिला था। बाद में आगे चलकर उनकी एक फिल्म ‘सनम बेवफा’ में एक गाना बहुत मशहूर हुआ... जिसके आगे जी... जिनके पीछे जी.. वो मेरे जीजा जी सावन कुमार ने ही लिखा था। फिल्म ‘हवस’ में मोहमद रफ़ी ने प्रसिद्ध गीता- तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम आज के बाद ... गाया है। इस गीत की भी एक कहानी है। सावन कुमार ने स्वयं यह बात एक इंटरव्यू में बताई थी। उन्होंने कहा कि फिल्म के गीत लिखने के लिए वह एक शख्स के पास पहुंचे। उसने गीत लिखने से मना कर दिया। जब वह लौटे तो बोले... तेरी गलियों में न रखेंगे कदम.. आज के बाद। उन्हें लगा कि यह तो बेहतरीन लाइनें हैं... और फिर वह अपनी फिल्मों के लिए खुद ही गीत लिखने लगे थे।
Dr. Shyam Preeti
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