We have #ZEE1EK, हमारे पास है #ज़ीवनएक
ज़िदगी से शिकायत तो हमें बहुत हैं लेकिन फिर भी हम इसे शिद्दत से जीना चाहते हैं क्योंकि We have #ZEE1EK बोले तो हमारे पास #ज़ीवनएक ही है। हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके भी आते हैं, जब हम करना कुछ चाहते हैं और करना कुछ पड़ता है।
आप माने या न माने, लेकिन यही सच है एक इत्तफाक जिंदगी को नई दिशा दे देता है। किसी मोड़ पर कोई #1EK अच्छा शख्स टकराता है और हमारी ज़िदगी महक जाती है। इसी प्रकार कोई खलनायक मिलने पर जिंदगी नरक भी बन सकती है। जिंदगी में यदि सकारात्मक होता है तो ऐसे क्षणों से हम सभी को ऊर्जा मिलती है। इसी प्रकार नकारात्मकता हमें अवसाद की ओर ले जाती हैं। ऐसे हालातों की वजह से लोग अक्सर आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। वे भूल जाते हैं कि उनसे नफरत करने वाले यदि कुछ लोग हैं तो उनसे प्यार करने वालोंं की संख्या उनसे कहीं ज्यादा है।
पहले जानते हैं कि जिंदगी क्या है... मेरे शब्दों में कहें तो महज #1EK सांस का सफर...! #1EK सांस भीतर... और जब वह बाहर निकलती रहती है तो जिंदगी चलती रहती है और जैसे ही #1EK बाहर जाने के बाद भीतर नहीं पहुंची... तो मौत की सुगबुगाहट आसपास सुनाई देने लगती है। तभी किसी ने क्या खूब कहा था कि यदि आज का दिन जिंदगी का आखिरी मानकर जिएंगे तो आपसे गलत न होगा लेकिन समाज में इधर-उधर नजर दौड़ाते हैं तो ज्यादातर गलत नजर आता है.... यह हमारे नजरिए का फर्क है। जैसे हमसे कहा जाता है कि किसी पर अंधविश्वास नहीं करना चाहिए... लेकिन विश्वास हमेशा अंधा होता है। फिर भी लोग एक-दूसरे पर करते हैं क्योंकि हमारा जीवन विश्वास के बिना अधूरा है... और विश्वास उम्मीद के बिना। कहते भी हैं कि उम्मीद खत्म... जीवन खत्म।
इसे दूसरे शब्दों में कहें- सुविचार तो अनगिनत हैं पर इनमें सबसे ऊपर है विश्वास। यदि खुद पर यकीं हो तो प्रयास करते रहो... क्योंकि कोई माने न माने #1EK आपका जमीर है, जो जानता है कि आप सही हो या गलत। हमारे पास बस यही #1EK पल है, चाहें तो इसे जी लें.. चाहे इसे जाने दें...! एक बात और शब्दों को ब्रह्म कहा गया है और ब्रह्म तो #1EK है... हमारे पास जीवन भी #1EK ही है।
इस दुनिया में कालजयी बनने के लिए #1EK किरदार ही काफी है...! थोड़ा धैर्य रखिए... मेरी तरह...! कभी लिखा था... हार को हार की तरह लेना होगा... जीतने के लिए फिर खेलना होगाा। जब तक सांस है... तब तक आस है। जब तक आस है... तब तक जान है। जब तक जान है... तब तक नाम है। जब तक नाम है... तब तक पहचान है। जब तक पहचान है... तब तक हम हैं क्योंकि मौत के बाद शरीर को सब मिट्टी (बॉडी) कहते हैं। अंतिम सफर के लिए... कभी लिखा था- चार ड्राइवर #1EK सवारी.. जिसके पीछे रिश्तेदारी...! मौत अंतिम सत्य है और जिंदगी...! जंग... इसे जारी रखिए क्योंकि We have #ZEE1EK, हमारे पास है #ज़ीवनएक।
तुलसीदास जी ने क्या खूब लिखा है- लाभ-हानि, जीवन-मरण, यश-अपयश विधि हाथ... लेकिन कर्म करना तो हमारे अधिकार क्षेत्र में है। कहीं पर पढ़ा था- किस्मत उनकी भी होती है, जिनके हाथ नहीं होते...! सपने वे भी देखते हैं, जिनकी आंखें नहीं होती...! न सुनने वाले भी भावना की जुबान समझ लेते हैं...! जो कह नहीं पाते... ईश्वर उनकी भी बात सुनता है...! तभी मैं कहता हूं कि कर्म करते रहें... और #1EK इत्तफाक का इंतजार करें... क्या पता.. अगले ही पल आपका जीवन भी बदल जाए। ऐसे बहुतों के साथ हुआ है... आप भी इंतजार करें क्योंकि सब्र तो करना पड़ता है... वनवास तो झेलना पड़ता है।
आइए ज़िदगी को #1EK बार हैश टैग #ZEE1EK, #ज़ीवनएक नाम से शुक्रिया अदा करें। कुछ अपनी कहानी कहें और कुछ दूसरों की सुने क्योंकि सब कुछ खत्म होने के बावजूद भविष्य बचा रहता है... यही उम्मीद है।
say to #1EK_Thanks
Dr. Shyam Preeti
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