कौन है नंबर-1EK.... मोदी या राहुल.... जनता करे फैसला

भारत की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी... और सबसे पुराना राजनीतिक दल बोले तो कांग्रेस...! आज के राजनीतिक हालातों पर गौर करें तो #1EK पार्टी अपने ब्रांड नेता नरेंद्र मोदी के पीछे खड़ी नजर आती है और दूसरी कांग्रेस... पूरी पार्टी #1EK राहुल गांधी के पीछे खड़ी नजर आती है। भारत जोड़ो यात्रा अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है और सोशल मीडिया में राहुल की लोकप्रियता बढ़ रही है या बढ़ाने के लिए कांग्रेस कवायद कर रही है... इस पर चर्चा करने का सीधा मतलब निष्पक्षता से भागना है...!
खैर, मुद्दे की बात यह है कि राहुल की दाढ़ी बढ़ने के साथ यात्रा आगे बढ़ रही है। वह एक सफेद रंग की टीशर्ट में लोकप्रियता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं। पानीपत में अपार जनसमूह दिखने के बाद कहा जा रहा है कि ‘पप्पू पास हो गया...’ और राजनीतिक विरोधी फरमाते नजर आए... ‘पप्पू पानीपत से पास हो गया...!’ ये जुमले... राजनीति पर चर्चा की गंभीरता को कम करते हैं लेकिन यदि परिदृश्य का सिंहावलोकन किया जाए तो राहुल नरेंद्र मोदी को कापी करते नजर आ रहे हैं। जैसे- पहले मोदी का दाढ़ी वाला लुक आया और अब राहुल भी उसी अनुरूप वेश धरे नजर आ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई बार भाइयों-बहनों और मित्रों... कहते भी दिख जाते हैं। इसके दूसरी ओर विश्वस्तर पर नरेंद्र भाई दामोदरदास मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले साल अगस्त की #1EK खबर में आया था कि मॉर्निंग कंसल्ट सर्वेक्षण के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 75 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के नेताओं से आगे निकल गए हैं। वैश्विक रेटिंग में वह शीर्ष पर थे।
इसके बावजूद विपक्षी उनकी काट के लिए टक्कर का ‘मोहरा’ ढूंढ रहे हैं लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं...! गुजरात चुनाव में आप के अरविंद केजरीवाल खुद को यह जगह देने की जद्दोजहद में जरूर दिखे लेकिन यह इतना आसान नहीं है। इस रोचक लड़ाई के लिए सही मायने में राहुल गांधी को प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखना ज्यादा बेहतर माना जा सकता है। हालांकि राजनीतिक रूप से यह तथ्य जरूर कहा जा रहा है लेकिन धरातल पर कितना सार्थक होगा, यह आने वाले चुनाव का परिणाम तय करेगा...!
मन की बात करके मोदी जनता को खुद के साथ जोड़ रहे हैं... तो राहुल जनता के बीच जाकर...! भारत जोड़ो यात्रा... में उमड़ रही भीड़ कांग्रेसियों को जोश दिला रही है और यह वाजिब भी है। इसकी सफलता की चर्चाओं के बीच अब पूरब से पश्चिमी तक इसी तरह की यात्रा की घोषणा कर दी गई है। कुल मिलाकर कांग्रेसियों ने फिनिक्स की तरह खुद को फिर से जिंदा करने के लिए प्रयास तेज कर दिया लगता है। यह भी सच है कि पूरी पार्टी राहुल के बीच खड़ी होकर एकजुट नजर आ रही है। यह सुखद है कि लोकतंत्र में जनता राहुल की बात सुन रही है। मोहब्बत की बात...कितना असर चुनाव परिणामों पर दिखाएगी.... यह आने वाला समय बताएगा। अब तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो... मोदी के बारे में कहा जाता है कि वह लगातार काम करते हैं। मां के अंतिम संस्कार कर बेटे का फर्ज अदा किया और इसके बाद वह कर्तव्य पथ पर चल पड़े...! इसी तर्ज पर राहुल गांधी अब भारत जोड़ो यात्रा में लगातार चलकर लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। यात्रा के दौरान पानीपत में उनकी मां की तबीयत खराब होेने का समाचार मिला तो वह उन्हें देखने गए लेकिन इसके बाद फिर वापस यात्रा में शामिल होने पहुंच गए...! यह सच है कि जब किसी आयोजन में देशभकि्त के गीत बजते हैं तो हर भारतीय का दिमाग देशभक्ति के रंग में रंग जाता है...! राष्ट्रवाद का नारा जब मोदी लगाते हैं तो जनता नमो-नमो चिल्लाने लगती है और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब राहुल पीएम मोदी की मिमिक्री करते हुए भाइयों-बहनों और मित्रों... कहते हैं तो मित्रों.... पर लोग राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाने लगाते लगते हैं। ऐसा नहीं है कि मोदी व्यंग्य नहीं करते। याद करें मोदी ने एक बार राहुल की तुलना ट्यूबलाइट से की थी। वह #1EK बार बोले थे - कांग्रेस नेता ने मुझे डंडे मारने की बात कही, खुशी है कि मेरे 30-40 मिनट बोलने पर उन तक करंट तो पहुंचा...! यात्रा के दौरान पिछले दिनों जब राहुल की तुलना भगवान राम के साथ की गई तो हल्ला मच गया था। तपस्वी... जैसे विशेषण राहुल से नवाजे गए.... सोशल मीडिया में जमकर विवाद हुआ। इससे पहले केदारनाथ की यात्रा के दौरान मोदी पहले ही तपस्वी के विशेषण से नवाजे जा चुके हैं।
राजनीतिक फलक में अपनी खोई जमीन पाने के लिए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अभी जारी है। याद करें जब #1EK बार राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मोदी और राहुल गांधी की तुलना की थी...! उन्होंने कहा था-'दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है... इसका बैठकर विश्लेषण करने की जरूरत है... दोनों की कार्यशैली अलग है। मोदीजी के जो काम करने का तरीका है, वो उनको सूट करता है - उनके लिए वो सफल रहा है।' #1EK महत्वपूर्ण बात पर उन्होंने और चर्चा करते हुए कहा था कि 'मोदीजी की जो ताकत है, वो एक गजब के श्रोता हैं... दूसरों को सुनने में उनका कोई सानी नहीं है...!' इस तुलनात्मक विश्लेषण का साफ मंतव्य था कि राष्ट्रीय राजनीति में मोदी का मुकाबला करने की क्षमता केवल राहुल गांधी में है...! यह बात कांग्रेसियों को खुश कर सकती है...! दरअसल, विपक्ष में जो मोदी के प्रतिद्वंद्वी के तौर पर महत्वपूर्ण चेहरे हैं उनमें अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, नितीश कुमार, अखिलेश यादव, मायावती या अन्य कद्दावर नेता क्षेत्रीय ही कहे जाते हैं। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के बाद गुजरात में अपना करिश्मा दिखाया है लेकिन अभी उन्हें बहुत कुछ करना बाकी है। इसके विपरीत राहुल भले राजनीतिज्ञ के तौर पर सफल न हुए हों लेकिन आज भी कांग्रेस का बड़ा संगठन उनके पीछे एकजुटता के साथ खड़ा नजर आ रहा है, यही उनको ताकत दे रहा है और शायद तभी वह #1EK टी शर्ट में कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं...! अब दोनों में नंबर#1EK कौन है...? इसका फैसला जनता-जर्नादन करे। जवाब के इंतजार में... #1EK Shyam Preeti

Comments

Popular posts from this blog

#1EK फिल्म 'द केरल स्टोरी' ....

चर्चा का बाजार गर्म हो गया.... हिंदी का महज #1EK शब्द ‘भारत’ लिखा तो...

चंद्रयान #1EK से अब चंद्रयान-3 तक का रोमांचक सफर