चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे पहले निधन किसका हुआ....
क्या आप जानते हैं कि चांद पर सबसे पहले कौन गया था... मुझे पता कि आपको इस सवाल का जवाब मालूम है... नील आर्मस्ट्रांग .... लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे पहले निधन किसका हुआ....? तो आप निश्चित रूप से जवाब नहीं दे पाएंगे... और इसी प्रकार दूसरे चांद यात्री का नाम पूछूंगा तो भी शायद आप ना में अपना सिर हिला दें। दोस्तों, जीके शब्द बहुत छोटा है बोले तो जनरल नॉलेज, लेकिन इसका विस्तार अंतरिक्ष सरीखा ही है।
खैर, मुद्दे की बात करते हैं तो... दुनिया के अब तक 12 लोग ऐसे हैं, जो चांद का दीदार वहां पर जाकर कर चुके हैं। इनमें पहला नाम नील आर्मस्ट्रांग का है तो दूसरा नाम है बज एल्ड्रिन। बज एल्ड्रिन के नाम भी #1EK रिकॉर्ड है, वह अगले लेख में पढ़िएगा...!
खैर, चांद पर अब तक जाने वाले 12 तीर्थयात्रियों में सबसे पहले आठवें नंबर पर गए जेम्स इरविन का निधन सबसे पहले हुआ था। जेम्स इरविन वर्ष 1972 में नासा से रिटायर्ड हुए थे। उन्होंने ईसाई धार्मिक आउटरीच संगठन हाई फ्लाइट फाउंडेशन की स्थापना की। उनकी मौत हार्ट अटैक से वर्ष 1991 में जब हुई तब वह 61 साल के थे। इस वजह से वह चांद पर जाने वालों यात्रियों में से सबसे पहले मरने वाले शख्स बन गए।
गौरतलब है कि 20 जुलाई 1969 को चांद पर अपोलो 11 मिशन अंतरिक्ष यान से नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन गए थे। एक अंतरिक्ष यात्री और वैमानिक इंजीनियर भी उनके साथ गए थे लेकिन वह अंतरिक्ष यान में रहे।
नंबर #1EK नील आर्मस्ट्रांग साल 1971 में नासा (द नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) से रिटायर्ड हुए। इसके बाद उन्होंने कई बिजनेस के लिए एक कॉर्पोरेट प्रवक्ता के तौर पर कार्य किया। आर्मस्ट्रांग ने पब्लिक इंवेंट्स में अपनी बात रखी। एक साइंस सीरीज की मेजबानी की। इसके अलावा कॉलेज में पढ़ाया भी। 5 अगस्त 1930 में जन्मे आर्मस्ट्रांग का साल 2012 में 82 साल की उम्र में निधन हो गया।
दूसरे नंबर के बज एल्ड्रिन के कदम भी चांद पर पड़े थे। 86 साल की उम्र में एल्ड्रिन ने साउथ पोल (दक्षिण ध्रुव) तक पहुंच कर #1EK रिकॉर्ड भी कायम किया। वह ऐसा करने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बन गए। साल 2016 में इस टाइटल को हासिल करने के बाद उन्होंने का था, ‘मैने मौत को बेहद करीब देखा।’ हाल ही, एल्ड्रिन अपने बच्चों के साथ कानूनी विवाद के कारण सुर्खियों में थे। 90 वर्षीय एल्ड्रिन फ्लोरिडा में रहते हैं।
तीसरे नंबर पर चांद पर पहुंचे पेटे कॉनराडनंवबर 1969 में हुए अपोलो 12 मिशन का हिस्सा थे। साल 1973 में नासा से रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने एक बिजनेसमैन के तौर पर काम किया। लेकिन साल 1999 में कैलिफोर्निया में उनकी मोटरसाइकिल का एक्सिडेंट हो गया, जिसमें उनकी जान चली गई। वह 69 साल के थे।
नंबर 4 पर एलन बीन कॉनरड के साथ अपोलो 12 के चालक दल में चांद पर पहुंचे। नासा से साल 1981 में रिटायर्ड होने के बाद वह पेंटर बन गए और उन्होंने पेंटिंग्स में अपने स्पेससूट के टुकड़े का इस्तेमाल किया। यह शख्स 86 साल की उम्र में दुनिया छोड़ कर चला गया। 2023 मई में इनका निधन हुआ था।
नंबर 5 पर अपोलो 14 मिशन का हिस्सा रहे एलन शेपर्ड ने फरवरी 1971 में चंद्रमा की धरती पर कदम रखा था। शेपर्ड साल 1974 में नासा से रिटायर्ड हुए। इसके बाद उन्होंने बैंकिंग और रियल स्टेट में काम करना शुरू किया। उनकी मृत्यु 1998 में ल्यूकेमिया में हुई। वह 74 साल के थे।
शेपर्ड के साथ अपोलो 14 मिशन पर गए एडगर मिशेल छठे शख्स थे चांद पर कदम रखने वाले। नासा से 1972 में रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने कैलिफोर्निया में एक गैर-लाभकारी संगठन, नोएटिक साइंसेज संस्थान की मदद की, जो ईएसपी और अन्य मानसिक घटनाओं का शोध करता है। साल 2016 में फ्लोरिडा में 85 वर्षीय मिशेल की मृत्यु हो गई।
नंबर 7 पर नाम है डेविड स्कॉट का। अपोलो 15 क्लासिक के अंतरिक्ष यात्री डेविड स्टॉक जुलाई और अगस्त 1971 में चांद पर गए। साल 1977 में नासा से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने लेखक के रूप में काम किया। इसके साथ वह अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में किताबों और डॉक्यूमेंट्रीज के लिए कंसलटेंट बन गए। स्टॉक कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस में रहते हैं।
नौ नंबर पर जॉन यंग का नाम है। अपोलो 16 मिशन पर जाकर अप्रैल 1972 को जॉन यंग चांद पर पहुंचे थे। 2004 मे रिटायर्ड होने से पहले उन्होंने नासा के लिए करीब 40 साल तक काम किया। इसकी वजह उनका स्पेस शटल कोलंबिया मिशन पर काम करना था। जॉन की मृत्यु इसी साल जनवरी में हुई। वह 87 साल के थे।
नंबर-10 पर चार्ल्स ड्यूक रहे। वह उसी अपोलो 16 मिशन का हिस्सा थे, जिसमें जॉन यंग थे। वह साल 1975 में नासा से सेवानिवृत्त हुए, जिसके बाद उन्होंने जेल मंत्रालय में काम करना शुरू किया। अब चार्ल्स 85 साल के हैं और टेक्सास में रहते हैं। इस दौरान वह एस्ट्रोनॉट स्कॉलरशिप फाउंडेशन बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
नंबर 11 पर यूजीन सेरनन का नाम है। वह अपोलो 17 मिशन के दौरान चंद्रमा पर गए थे। उन्होंने आखिरी बार चंद्रमा की सतह पर अपने कदमों के निशान छोड़ें। वह साल 1976 में नासा से रिटायर्ड हुए और एक प्राइवेट इंडस्ट्री में काम करने लगे। इसके अलावा वह ‘गूड मॉर्निंग अमेरिका’ के लिए भी कमेंटेटर को तौर पर काम कर देते थे। सेरनन की मौत टेक्सास में जनवरी 2017 को हुई। वह 82 साल के थे।
चंद्रमा पर कदम रखने वाले हैरिसन श्मिट उसी अपोलो 17 मिशन पर भूविज्ञानी थे, जिस पर यूजीन सेरनन गए थे। उन्होंने नासा से 1975 में रिटायर्ड होने के बाद यू.एस. सीनेट में एक साल के लिए रिपब्लिकन के रूप में न्यू मैक्सिको का प्रतिनिधित्व किया। हैरिसन ने विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ाने का काम भी किया है। वह 85 साल के हैं और न्यू मैक्सिको में रहते हैं।
Dr. Shyam Preeti
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